चीन से फिर उठ रही कोरोना जैसी तबाही की लहर! रहस्यमयी वायरस से मचा हाहाकार, जानिए क्या है यह

 चीन से फिर उठ रही कोरोना जैसी तबाही की लहर! रहस्यमयी वायरस से मचा हाहाकार, जानिए क्या है यह

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार

चीन से फिर उठ रही कोरोना जैसी तबाही की लहर! रहस्यमयी वायरस से मचा हाहाकार, जानिए क्या है यह

कोविड संकट के पांच साल बाद चीन में फिर से वायरस का कहर है. चीन से कोविड-19 के बाद अब पांच साल बाद एक और रहस्यमयी वायरस लोगों को डरा रहा है. चीन के कई इलाकों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. अधिकारी इससे निपटने की कोशिश कर रहे हैं.

 

 

चीन।चीन से उठी कोरोना लहर की तबाही दुनिया देख चुकी है. कोरोना ने चीन ही नहीं, पूरी दुनिया में कत्लेआम मचाया. चीन के वुहान शहर का कोरोना वाला रहस्य आज तक रहस्य ही है. कोरोना महामारी के पांच साल हो गए. इस बीच चीन में एक और तबाही की लहर उठती दिख रही है. कोरोना के बाद चीन को एक और रहस्यमयी वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है. जी हां, चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का प्रकोप फैलता जा रहा है. इसकी वजह से चीन में फिर से कोरोना जैसा नजारा दिख रहा है. अस्पतालों में मरीजों की भीड़ है. श्मशान घाट भी भर चुके हैं.

 

 

चीन का यह सच सोशल मीडिया पर अब आग की तरफ फैल रहा है. कई रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा है कि यह नया वायरस HMPV तेजी से फैल रहा है. चीन पर नजर रखने वाले कुछ लोगों का तो यह भी दावा है कि अस्पताल और श्मशान घाट भी अब भर चुके हैं. लोग इस वायरस की चपेट में तेजी से आ रहे हैं. ऑनलाइन शेयर किए गए वीडियो में अस्पतालों में भीड़ दिखाई दे रही है. कुछ यूजर्स का कहना है कि चीन में एचएमपीवी, इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 समेत कई वायरस एक साथ फैल रहे हैं. चीन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. हालांकि, अब भी इस वायरस को लेकर बहुत कुछ सही से बता नहीं रहा.

 

 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन अभी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से पूरी तरह तबाह है. एचएमपीवी में फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं. इसके लक्षण भी कोविड-19 जैसे ही होते हैं. फिलहाल, चीन के हाथ पांव फुल चुके हैं. उसके स्वास्थ्य महकमे को कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या हो रहा. इसलिए स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं.

 

 

 

 

‘SARS-CoV-2 (Covid-19)’ नाम के एक्स हैंडल की मानें तो चीन में इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस एक साथ फैल रहे हैं. इनकी वजह से अस्पताल और श्मशान घाट पूरी तरह से भर गए हैं. निमोनिया और ‘व्हाइट लंग’ के बढ़ते मामलों से बच्चों के अस्पताल विशेष रूप से परेशान हैं.

वहीं, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की मानें तो चीन के रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने शुक्रवार को कहा कि वह अज्ञात तरीके के निमोनिया के लिए एक निगरानी प्रणाली चला रहा है. सर्दियों में सांस संबंधी रोगों के मामले बढ़ने की आशंका है. एक खास सिस्टम स्थापित करने का मकसद अधिकारियों को अज्ञात रोगजनकों से निपटने के लिए प्रोटोकॉल स्थापित करने में मदद करना है. पांच साल पहले जब कोविड-19 का कारण बनने वाला कोरोना वायरस पहली बार सामने आया था, तब यह तैयारी बहुत कम थी.

 

कैसे होते हैं ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लक्षण

 

इसके लक्षण कोरोना जैसे ही हैं.

इसके लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे ही होते हैं.

इसमें भी बुखार और खांसी होता है.

जी हां, कोविड-19 आने के पांच साल बाद चीन में एक और रहस्यमय HMPV वायरस लोगों का ध्यान खींच रहा है. चीन के कई हिस्सों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे अधिकारी चिंतित हैं. अधिकारियों ने लोगों से मास्क पहनने और बार-बार हाथ धोने को कहा है. लेकिन सवाल है कि आखिर HMPV है क्या? और चीन में इसके बढ़ते मामलों को लेकर क्या चिंता है? सवाल यह है कि क्या चीन कोरोना की तरह इसे भी दबा तो नहीं रहा.

 

क्या है यह एचएमपीवी वायरस

दरअसल, ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस एक आरएनए वायरस है. यह न्युमोवायरिडे परिवार के मेटापन्यूमोवायरस क्लास से जुड़ा है. इसे सबसे पहले 2001 में डच शोधकर्ताओं ने खोजा था. यह वायरस तब सामने आया था रिसर्चर जब श्वसन संक्रमण यानी सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित बच्चों के नमूनों का अध्ययन कर रहे थे. अध्ययनों से पता चला है कि यह वायरस कम से कम छह दशकों से मौजूद है. यह एक सामान्य श्वसन रोगजनक़ के रूप में पूरी दुनिया में फैल गया है. यह मुख्य रूप से खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों से फैलता है. संक्रमित लोगों के साथ निकट संपर्क और दूषित वातावरण के संपर्क में आने से भी संचरण हो सकता है. चीनी सीडीसी की वेबसाइट के अनुसार, इस वायरस का संक्रमण काल तीन से पांच दिनों का होता है. एचएमपीवी द्वारा प्रेरित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बार-बार होने वाले संक्रमणों को रोकने के लिए बहुत कमजोर होती है. हालांकि यह पूरे साल पाया जा सकता है, लेकिन यह सर्दी और वसंत में सबसे अधिक पाया जाता है.

 

कौन हैं सॉफ्ट टारगेट

इस वायरस का सॉफ्ट टारगेट बच्चे और बुजुर्ग हैं. कोरोना के भी सॉफ्ट टारगेट यही थे. वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अधिकारियों ने फिर से मास्क पहनने की सलाह दी है. हेल्थ अफसरों ने कहा है कि भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें और मास्क पहनकर रहें. साथ ही बार-बार हाथ को सैनिटाइज करते रहें.

 

फिर कुछ छिपा तो नहीं रहा चीन?

चीन के एक अन्य अधिकारी कान बियाओ के मुताबिक, सर्दी और वसंत में चीन कई तरह की सांस की बीमारियों से प्रभावित हो सकता है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इस साल मामलों की कुल संख्या पिछले साल की तुलना में कम होगी. हाल ही में पाए गए मामलों में राइनो वायरस और ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस जैसे रोगजनक शामिल हैं. 14 साल से कम उम्र के लोगों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले बढ़ते दिखाई दे रहे हैं. हैरानी की बात है कि इस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है. इसके लक्षण सर्दी जुकाम जैसे ही होते हैं.