ईरान-इजरायल जंग ने बढ़ा दी दुनिया की धड़कन, अब फूटेगा महंगाई बम, जानिए आम आदमी को कहां घाटा और कहां फायदा?

 ईरान-इजरायल जंग ने बढ़ा दी दुनिया की धड़कन, अब फूटेगा महंगाई बम, जानिए आम आदमी को कहां घाटा और कहां फायदा?

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

ईरान और इजरायल के बीच जंग के चलते कच्चे तेल में तेजी देखने को मिल रही है. इससे दुनियाभर में महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ गया है.

 

 

 

 

 

ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और रॉकेट से हमला किया है.

इस अटैक से कच्चे तेल के दामों में तेजी देखने को मिल रही है.

युद्ध के खतरे से दुनियाभर में महंगाई बढ़ने की आशंका है

 

 

 

 

नई दिल्ली. मीडिल ईस्ट में बड़ी जंग के हालात पैदा हो गए हैं. ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागी हैं. इस हमले के बाद से कच्चे तेल के दामों में 4 फीसदी की तेजी आ गई है. ऐसे में दुनियाभर में महंगाई फिर से बढ़ने के आसार हैं. इस मिसाइल हमले से जुड़ी खबरों के बीच मंगलवार को क्रूड का भाव बढ़ गया. ब्रेंट वायदा 3.5% बढ़कर 74.2 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 2.54 डॉलर या 3.7% बढ़कर 70.7 डॉलर हो गया.

 

इस जियोपॉलिटिकल टेंशन का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है. निफ्टी और डाओ फ्यूचर्स समेत कुछ देशों के मार्केट लाल निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं. अगर यह जंग और बढ़ी तो कच्चे तेल में बढ़ोतरी से कई चीजें महंगी हो सकती हैं. वहीं, शेयर बाजार में ऑयल स्पेसिफिक स्टॉक पर तगड़ा असर देखने को मिल सकता है.

 

 

इन शेयरों पर रखें नजर

 

कच्चे तेल में तेजी से ऑयल एक्सप्लोरेशन कंपनी जैसे- ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के शेयरों में तेजी आने की संभावना है. वहीं, पेंट और टायर शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. क्योंकि, इन कंपनियों की निर्भरता क्रूड पर होती है. ऐसे में क्रूड महंगा हुआ तो इन कंपनियों की इनपुट कॉस्ट बढ़ सकती है.

 

सोने में तेजी की संभावना

 

युद्ध और जियो पॉलिटिकल टेंशन के बढ़ने से सोने के भाव में तेजी देखने को मिलती है. ऐसे में ईरान के इजरायल पर हमले के बाद गोल्ड में खरीदारी देखने को मिल सकती है. दरअसल, युद्ध जैसे हालात में गोल्ड में निवेश को सुरक्षित माना जाता है.

 

 

कच्चे तेल में तेजी से बढ़ेगी महंगाई

 

दुनियाभर में कच्चे तेल में होने वाले उतार-चढ़ाव से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है. वहीं, युद्ध से इससे ग्लोबल सप्लाई चैन भी टूट जाती है. ऐसे में आयात और निर्यात गतिविधियां प्रभावित होती हैं और महंगाई बढ़ने लगती है. रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान भी ऐसा ही हुआ था. रूस के यूक्रेन पर अटैक के बाद ग्लोबल सप्लाई चैन बुरी तरह प्रभावित हुई थी, साथ ही कच्चे तेल के दामों में भी जबरदस्त तेजी आई थी.