महादेव सट्टा एप कोल-शराब घोटाले, मामले में कसेगा शिकंजा, आरोपितों को रिमांड पर लेगी एंटी करप्शन ब्यूरो
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
रायपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए करोड़ों के कोल लेवी, शराब घोटाले के साथ महादेव सट्टा एप मामले में रायपुर जेल में बंद आरोपितों में से अधिकांश ने एसीबी, ईओडब्लू टीम को पूछताछ में सहयोग नहीं किया, लिहाजा अब इनमें से कुछ को रिमांड पर लेने की तैयारी है। एसीबी इसके लिए जल्द ही विशेष कोर्ट में आवेदन लगाएगी।
इधर, चौथे दिन सोमवार को सुबह 10 बजे एसीबी के पांच अफसरों की टीम रायपुर जेल पहुंची। देर शाम छह बजे तक टीम ने शराब घोटाले के आरोपित ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह के साथ ही कोल लेवी घोटाले के आरोपित सूर्यकांत तिवारी, शिवशंकर नाग और इंद्रमाणी ग्रुप के मालिक व कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल से पूछताछ कर बयान दर्ज किया।
जानकार सूत्रों ने बताया कि शराब, कोल घोटाले के साथ महादेव सट्टा एप मामले में ईडी की गिरफ्त में आकर जेल में बंद आरोपितों से एसीबी की पांच सदस्यीय टीम ने चौथे दिन जेल जाकर पूछा कि पूरे घोटाले का सरगना कौन है? कितने करोड़ का घोटाला हुआ है? और कौन-कौन लोग शामिल हैं?
हालांकि ज्यादातर आरोपितों ने रटा-रटाया जवाब दिया कि ईडी को पूरी जानकारी दे चुके हैं, बताने लायक कुछ भी नया नहीं है। वहीं, कोल लेवी मामले में जेल के महिला सेल में बंद निलंबित आइएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया से अब तक पूछताछ न करना भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
ईडी के प्रतिवेदन पर तीनों ही मामलों में एसीबी, ईओडब्लू ने दर्ज करने के साथ ही विशेष न्यायालय से अनुमति लेकर जेल में बंद आरोपितों से 28 मार्च से लगातार पूछताछ कर रही है। तीनों घोटालों में आइएएस, राप्रसे के अफसर समेत करीब 20 से अधिक आरोपित दिसंबर 2022 से जेल में बंद हैं। इनकी कई अग्रिम व नियमित जमानत याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है।
अब बुलाकर होगी पूछताछ
पिछले चार दिनों से टीम में शामिल एक एएसपी, दो डीएसपी, दो इंस्पेक्टर समेत कर्मचारियों के साथ जेल जाकर आठ से दस घंटे तक आरोपितों से पूछताछ की है। इनसे हुई पूछताछ की कड़ियों को जोड़कर महादेव सट्टा एप के खेल में करोड़ों बटोरने वाले पुलिस अधिकारियों, नेताओं और कोल, शराब घोटाले में शामिल बड़े रसूखदार कारोबारियों को नोटिस जारी कर एसीबी मुख्यालय बुलाकर पूछताछ की जाएगी।
वहीं, पूछताछ में सहयोग न का कारण बताकर एसीबी पूछताछ की अवधि बढ़ाने का आवेदन विशेष न्यायालय में दे सकती है। जेल के सूत्रों ने बताया कि पूछताछ करने की अनुमति कोर्ट ने एक अप्रैल तक दी थी। यह अवधि खत्म हो चुकी है।
20 से 25 सवाल पूछे अधिकतर का जवाब ना
तीनों बहुचर्चित केस के आरोपितों से पहले से तैयार किए गए 20 से 25 सवाल एसीबी, ईओडब्लू के अधिकारियों ने पूछा। बताया जा रहा है कि अधिकतर सवालों का जवाब न में मिला। हर जवाब को अधिकारियों ने लैपटाप में दर्ज किया है।
सूत्रों के मुताबिक घाघ आरोपित ठीक उसी तरह से सवालों का नकारात्मक जवाब दे रहे हैं जैसा ईडी को देते रहे हैं, हालांकि एसीबी इनकी कड़ियां जोड़ रही है। जवाबों का राजफाश एसीबी के अधिकारियों ने नहीं किया है, लेकिन इन्हीं के हवाले से आगे की कार्रवाई के संकेत दिए।