धान खरीदी केंद्र के इलेक्ट्रॉनिक तराजू में निकली गड़बड़ी, नाराज किसानों ने कि FIR की मांग
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार,,,
महासमुंद. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिला मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत बेमचा के धान खरीदी केंद्र में आज किसानों ने धान तौल में गड़बड़ी को लेकर खरीदी कार्य रोक दिया. धान तौलने में गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ जब एक किसान ने इलेक्ट्रॉनिक तराजू से तौल में अंतर पाया. जिसके बाद जांच में तराजू में गड़बड़ी की पुष्टि हुई. इससे किसानों में भारी नाराजगी फैल गई उन्होंने भारी हंगामा खड़ा करते हुए धान खरीदी कार्य बंद करवा दिया. मामले की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच कर किसानों को न्याय का भरोसा दिलाया है. वहीं किसान अब केंद्र प्रभारी के खिलाफ FIR की मांग कर रहे हैं.
जानिए कैसे हुआ गड़बड़ी का खुलासा
शुक्रवार को बेमचा का एक किसान 32 क्विंटल 20 किलो सरना और मोटा धान लेकर सोसायटी पहुंचा. खरीदी केंद्र में जब धान का वजन किया तो इलेक्ट्रॉनिक तराजू में धान का वजन 40 किलो डिस्प्ले हो रहा था. जब किसान को तराजू में गड़बड़ी को लेकर शंका हुई, तो किसान ने उसी बोरी के धान को बाहर वजन कराया, इस बार धान का वजन 42 किलो निकला. 2 किलो धान के अंतर पाए जाने से किसानों में इस बात से रोष पैदा हो गया कि उनसे अधिक धान लिया जा रहा था. इस मामले को लेकर नाराज किसानों ने खरीदी केंद्र में धान खरीदी का विरोध करना शुरू कर दिया और कार्य बंद करवा दिया.
नमी मापन में भी गड़बड़ी
धान तौलने में गड़बड़ी के अलावा किसानों ने नमी मापन को लेकर भी शिकायत की है. पुरानी मशीन में धान की नमी 14.6% और नई मशीन में 17.6% दिखा रही थी, जिससे किसानों को धान वापस ले जाना पड़ा.
जांच में क्या निकला?
मौके पर अधिकारियों ने किसानों के सामने तौल कराई. इसमें 42.630 किलो और 42.580 किलो का वजन निकला, जबकि शासन के नियम के अनुसार 40 किलो धान और 700 ग्राम बोरे का वजन निर्धारित है. अफसरों ने किसानों के सामने तीन दिन पहले खरीदे गए धान की बोरियों का भी वजन किया, जिसमें 39. 890 किलो ग्राम, किसी तराजू में 39. 800 किलो ग्राम वजन डिस्प्ले हुआ.
अधिकारियों का आश्वासन
बता दें कि 14 नवंबर से जिले में धान खरीदी शुरू जारी है. इसके एक दिन पहले बेमचा धान खरीदी केंद्र में 5 इलेक्ट्रॉनिक तराजू भेजा गया था, जिसमें आज गड़बड़ी पाई गई है. वहीं इस मामले को लेकर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के BM ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक तराजू में खराबी है, जिसके कारण सही वजन नहीं दिखा रहा है. जांच के बाद जो अंतर होगा उसका किसानों को कीमत दिया जाएगा.