झोलाछाप के इलाज से डायरिया पीड़ित बैगा युवक की मौत
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
कोटा के भैंसाझार अंतर्गत ग्राम बांसाझाल का रहने वाला है मृतक
सिम्स में इलाज की दौरान हुई मौत
एक सप्ताह से उल्टी, दस्त से रहा पीड़ित
बिलासपुर। एक बार फिर डायरिया का मरीज झोलाछाप के इलाज का शिकार हो गया। कोटा के भैंसाझार अंतर्गत ग्राम बांसाझाल में रहने वाले 36 वर्षीय डायरिया पीड़ित बैगा युवक की मौत हो गई। वहीं शुक्रवार को रतनपुर क्षेत्र में डायरिया के 21 नए मरीज मिले हैं। अब तक रतनपुर व जिले के सभी क्षेत्रों को मिलाकर डायरिया के 600 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। डायरिया को लेकर रतनपुर शहरी क्षेत्र अति संवेदनशील बना हुआ है। यहां रोजाना मरीज मिलने का सिलसिला जारी है।
कोटा क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप बना हुआ है। इसी के साथ क्षेत्र में डायरिया के मरीज भी मिल जा रहे हैं। वहीं ग्राम भैंसाझार क्षेत्र के बांसाझाल निवासी नयन झरोखा पिता मंगलू झरोखा पिछले एक सप्ताह से बीमार चल रहा था। उसे उल्टी, दस्त हो रही थी। इस पर वे क्षेत्र में रहने वाले एक झोलाछाप से इलाज करवाने गया। तब झोलाछाप ने इंजेक्शन लगाने के साथ दवा देकर ठीक हो जाने की बात कही। लेकिन उसकी हालत धीरे-धीरे और बिगड़ती गई। ऐसे में उसे कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार की सुबह स्थिति बेहद खराब हो गई। ऐसे में दोपहर साढ़े 12 उसे सिम्स रेफर किया गया। सिम्स पहुंचने के बाद दोपहर ढ़ाई बजे उसकी मौत हो गई। जांच में चिकित्सकों ने भी उसे डायरिया पीड़ित पाया। इधर रतनपुर में डायरिया के 21 नए मरीज मिले हैं। साफ है कि तमाम कोशिश के बाद भी कोटा में फैले मलेरिया के साथ रतनपुर में फैले डायरिया को खत्म नहीं किया जा सक रहा है और लगातार मरीज मिलने का सिलसिला जारी है।
डायरिया से दो, मलेरिया से चार मौतें
दो सप्ताह से रतनपुर और कोटा इन बीमारियों के लिए संवदेनशील बना हुआ है। अब तब जिले में डायरिया के 600 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं और दो की मौत हुई है। बैगा युवक की मौत के पहले बिल्हा क्षेत्र में रहने वाली एक 19 वर्षीय युवती की भी मौत हो चुकी है। इसी तरह कोटा क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप चल रहा है। अब तक 70 से ज्यादा मलेरिया पीड़ित मिल चुके हैं और चार की मौत हो चुकी है।
दो सगे भाई भी डायरिया पीड़ित
मृतक के दो सगे भाई भी डायरिया से पीड़ित चल रहे हैं। बड़ा भाई 45 वर्षीय सोन साय और छोटा भाई 30 वर्षीय संजू बैगा को लगातार उल्टी दस्त की वजह से रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है। दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। साफ है कि अब कोटा क्षेत्र में मलेरिया के साथ डायरिया के मामले भी आने शुरू हो गए हैं।
यह बीमारी भी रही
जानकारी के मुताबिक मृतक नयन झरोखा पहले से बीमार चल रहा था। वह सिकलसेल रोग से पीड़ित था, साथ ही उसके दिमाग में टीबी होने की बात बताई जा रही है। ऐसे में वह पहले से ही कमजोर चल रहा था और डायरिया से पीड़ित होने पर झोलाछाप से इलाज करवाता रहा। इससे हालत में सुधार आने के बजाय और भी बिगड़ गया था।
मलेरिया के सात मरीज मिले
कोटा के मलेरिया प्रभावित क्षेत्र में स्थिति संभल नहीं पा रही है और रोजाना मलेरिया के मरीज मिल रहे हैं। शुक्रवार को सात नए मरीज मिले हैं। मालूम हो कि क्षेत्र के 54 गांवों को मलेरिया के लिए अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। यहां से ही मामले सामने आ रहे है। इस तरह एक के बाद एक गांवों में मलेरिया पाजिटिव मिल रहे हैं। इधर स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्वे करने के साथ ही मलेरिया जांच कर रही है और प्रभावित के इलाज में भी जुटे हुए हैं। इसके बाद भी मामले कम नहीं हो रहे हैं।