जब तक पैसे थे खूब महंगे होटल में रुके, खाया-पिया, बाद में आश्रम पहुंचे पिता-पुत्र का हत्यारा प्रेमी युगल
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
कटनी फिर नागपुर से बैंगलुरू, मुंबई, पुणे में वे रहे।
हरिद्वार की पुलिस ने नाबालिग को पकड़ लिया।
नाबालिग के साथ 10 से ज्यादा शहरों में घूमते रहे।
जबलपुर। रेलवे की सिविल लाइंस स्थित मिलेनियम कॉलोनी में हुए दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपित मुकुल सिंह ने आत्मसमर्पण कर दिया। वहीं नाबालिग को लेकर जबलपुर पुलिस हरिद्वार से वापस लौटी। नाबालिग ने पुलिस के सामने कई खुलासे किए हैं। उसने बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मुकुल उसे पहले कटनी और फिर नागपुर ले गया। यहां से बैंगलुरू, मुंबई, पुणे में वे रहे। इसके बाद वे चंडीगढ़, भुवनेश्वर और फिर शिमला और मनाली गई। दोनों ने एसी बसों में सफर किया। महंगे होटलों में रुके, लेकिन उनके द्वारा साथ ले गए जाए रुपये जब खत्म होने लगे, तो वे हरिद्वार पहुंचे। जहां पहले तो कुछ दिन होटल में रुके और फिर आश्रम में पहुंचे। वे आश्रम में रहते और सुबह-शाम लंगर या भंडारे में खाना खाते थे।
भाग निकला था मुकुल
मंगलवार को पुलिस को मुकुल और नाबालिग के हरिद्वार में होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद हरिद्वार पुलिस से जबलपुर पुलिस ने सम्पर्क किया। हरिद्वार की पुलिस ने नाबालिग को तो पकड़ लिया, लेकिन पुलिस को चकमा देकर मुकुल वहां से भाग निकला। जिसके बाद जबलपुर पुलिस हरिद्वार पहुंची। पुलिस टीम ने वहां आश्रम में रूकने सम्बंधी दस्तावेजों को जब्त किया। वहीं आश्रम प्रबंधन के बयान भी दर्ज किए। जिसके बाद टीम नाबालिग को लेकर जबलपुर रवाना हुई। गुरुवार देर रात टीम जबलपुर पहुंची थी।
यह है मामला
मिलेनियम कॉलोनी में रहने वाले जबलपुर रेल मंडल के हेड क्लर्क राजकुमार विश्वकर्मा (52) और उनके बेटे तनिष्क (9) की 14 और 15 मार्च की दरमियानी रात हत्या कर दी गई थी। इसमें इसी कॉलोनी के रेलवे अधिकारी के बेटे मुकुल को नामजद किया गया था। तब से वह फरार है। जो सीसीटीवी फुटेज मिले हैं उससे सामने आया था कि राजकुमार की नाबालिग बेटी भी मुकुल के साथ है। लेकिन पुलिस के हाथ दोनों ही नहीं लगे हैं। पुलिस के अनुसार मुकुल और नाबालिग ने पूरी तरह से हुलिया बदल लिया था।