6.25 लाख क्विंटल धान केंद्रों में जाम, उठाव लगभग ठप

 6.25 लाख क्विंटल धान केंद्रों में जाम, उठाव लगभग ठप

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

नवगठित सरकार ने इस बार प्रत्येक किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की है। चुनावी घोषणा पत्र में 3,100 रूपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया है।

6.25 लाख क्विंटल धान केंद्रों में जाम, उठाव लगभग ठप धान उपार्जन केंद्र खरमोरा में रखा धान

 

कैसे होगा जीरो शार्टेज का लक्ष्य पूरा मिलर्स के गोदाम धान से भरे, प्रबंधकों को अब सता रही सुखती की चिंता वहीं शार्टेज में धान उठाव के दबाव को लेकर प्रबंधकों की चिंता बढ़ गई है।

 

कोरबा। धान खरीदी समाप्त होते ही उपार्जन केंद्राें से धान का उठाव लगभग ठप पड़ गया हैं। तीन दिन बीत जाने के बाद अब तक एक भी उपार्जन केंद्र पूर्ण उठाव नहीं हो सका है। 65 उपार्जन केंद्रों में 6.25 लाख क्विंटल धान अब भी खुले आसमान के नीचे रखा है। मिलर्स के गोदाम धान से भरे होने के कारण उठाव में देरी हो रही है। मौसमी मार से पखवाड़े भर पहले धान भीग गए थे। जिनका उठाव अभी शेष है। जीरो

 

जिले में धान खरीदी की शुरूआत लेकर अंत तक मौसमी उतार चढ़ाव का असर उपार्जन केंद्रों में रहा है। अब जबकि खरीदी समाप्त हो चुकी है ऐसे अब उठाव से बाकी रह गए धान पर मौसमी मार की चिंता उपार्जन केंद्र प्रबंधकों को सताने लगी है। पहली बार जिले में 28 लाख क्विंटल लाख से भी अधिक धान खरीदी का रिकार्ड बना है। जिला प्रशासन ने 25 लाख क्विंटल धान खरीदी का अनुमान लगाया था। संभावना से दो लाख क्विंटल से भी अधिक धान की खरीदी होने के कारण अब उठाव में समस्या आने लगी हैं। हर साल धान खरीदी की अनुमानित मात्रा के अनुसार मिलर्स को अनुबंधित किया जाता है।

 

 

 

जिला प्रशासन ने बीते वर्ष की तरह 103 मिलर्स को ही मिलिंग के लिए अनुबंधित किया है। इधर धान खरीदी अधिक होने से उठाव पर असर हो रहा है। जिले में बीते सात वर्षो से जीरो शार्टेंज में धान का उठाव हुआ है। इस बार भी जिला प्रशासन ने सभी प्रबंधकों से जीरो शार्टेज में उठाव के लिए कहा है। पुराने बारदानों में हुई खरीदी के कारण हुई झड़न से इस बार शार्टेज की संभावना बढ़ गई है। वजन में आई कमी का भरपाई प्रबंधकों को करना होगा। बीते वर्ष की तुलना में छह लाख क्विंटल धान की अधिक खरीदी हुई है।

 

पिछले साल खरीफ वर्ष 2022-23 में 43,337 किसानों ने 60 उपार्जन केंद्राें में धान बेचा था। इस वर्ष अगस्त से 31 अक्टूबर तक चली नवीन पंजीयन में 5,954 किसान शामिल हुए। इनमें 196 किसानाें का पंजीयन निरस्त हो गया। इस बार धान बेचने के लिए 51,183 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें 43,491 किसानों ने धान बेचा है। धान बिक्री के लिए कुल रकबा 72 हजार 774.01 हेक्टयेर है। जिसमें इस वर्ष 5,663.01 हेक्टेयर रकबा में बढ़त हुई है। बीते वर्ष किसानों ने 22 लाख 2514 क्विंटल धान बेचा था। जिले में 52 लाख बारदानों की आवश्यकता थी, जिसके विपरीत 48 लाख बारदानों का संग्रहण किया गया।

 

नवापारा में सर्वाधिक 90,524 क्विंटल की खरीदी

 

जिले इस बार सर्वाधिक 90 हजार 524 क्विंटल धान नवापारा में खरीदी हुई है। यहां उठाव के लिए 24 हजार 556 क्विंटल धान अब भी शेष हैं। दूसरे स्थान पर 87 हजार 984 क्विंटल धान खरीदी कर बरपाली रहा। यहां 34 हजार 811 क्विंटल धान का उठाव बाकी है। 65 उपार्जन केंद्रों में सबसे कम 10 हजार 231 क्विंटल धान की खरीदी पाली विकासखंड पोटापानी उपार्जन केंद्र में हुइ है। 28.67 क्विंटल कुल खरीदी में मोटा धान की मात्रा 28.37 लाख है। पतला धान की 24 क्विंटल खरीदी हुई है, वहीं सरना धान की मात्रा 29,484 क्विंटल है।

 

अंतर की राशि के भुगतान का इंतजार

 

नवगठित सरकार ने इस बार प्रत्येक किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की है। चुनावी घोषणा पत्र में 3,100 रूपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया है। किसानों को पुराना 2,195 रूपये दर से भुगतान की गई है। किसानों को अब अंतर की राशि के भुगतान का इंतजार है। माना जा रहा है लोकसभा चुनाव के पहले यह राशि किसानों के खाते में प्रदाय की जाएगी। चुनावी वर्ष होने की वजह से किसानों धान बिक्री के एवज में खूब लाभ मिला है। पांच साल पहले धान बेचने वाले 18,345 किसानों को वर्तमान सरकार ने दो साल की बोनस राशि प्रदान की गई।

 

उपार्जन केंद्र बढ़े, नहीं बढ़ी सुविधा

 

शासन ने दो वर्ष के भीतर जिले में 11 उपार्जन केंद्र बढ़ाए हैं। सुरक्षा व्यवस्था की नितांत कमी देखी जा रही है। राहत की बात यह है कि पहले किसानाें को धान बेचने के लिए 30 से 40 किलोमीटर तय कर धान की बिक्री करनी पड़ रही थी। 60 से बढ़कर उपार्जन केंद्रों की संख्या 65 होेने से किसान आसानी से धान बेच पा रहे हैं। नए उपार्जन में शेड और गोदाम की सुविधा नहीं होने से खुले मैदान में धान की खरीदी हुई। बेमौसम वर्षा धान भीगने से उठाव पर असर हुआ है। मौसमी उतार चढ़ाव जारी है, कभी भी वर्षा हो सकती है।

 

फैक्ट फाइल

 

25- लाख क्विंटल धान खरीदी लक्ष्य

28.67 – लाख क्विंटल अब तक हुई खरीदी

6.39- लाख क्विंटल धान उठाव के लिए शेष

51,183- पंजीकृत किसान

43,491- किसानों ने बेचा धान

65- कुल उपार्जन केंद्र