धान समिति उठाव नहीं होने से केंद्रों में 2 लाख टन धान जाम
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
सक्ती । धान खरीदी पूरी होने के बाद अब सभी खरीदी प्रभारियों को धान के उठाव की चिंता सताने लगी है। जिले के अंतर्गत 125 उपार्जन केंद्रों में लगभग 5 लाख 17 हजार 475 टन धान की खरीदी हुई है। जिसमें अभी भी उपार्जन केन्द्रों में लगभग 2 लाख टन धान जाम है। समिति कर्मचारी संघ ने डीएमओ को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र उठाव कराने और पिछले वर्ष के धान खरीदी की प्रोत्साहन राशि दिए जाने की मांग की है।
जिले के अधिकांश उपार्जन केंद्रों में धान उठाव 9 जनवरी 2024 के बाद कोई भी डीओ जारी नहीं हुआ है। जिन केंद्रों से उठाव के लिए एक माह पूर्व डीओ जारी हो चुका है उसे भी मिलरों द्वारा नहीं उठाया गया है। वही धान खरीदी प्रभारियों को अब यह चिंता सताए जा रही है कि उपार्जन केंद्रों में रखें धान को चूहे और दीमक नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिए है। जिसका खामियाजा केंद्र प्रभारियों को उठाना पड़ेगा।
जबकि शासन के नियमानुसार धान खरीदी के बाद 72 घंटे के अंदर धान का उठाव करने का प्रविधान है। ऐसे में यदि शीघ्र उठाव नहीं हुआ हुआ तो धान में सुखत आना तय है। जिससे जिले में जीरो शार्टेज का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा। सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने शीघ्र उठाव की मांग को लेकर जिला विपणन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। उल्लेख किया है कि धान का उठाव शीघ्र कराई जाए, अन्यथा किसी भी प्रकार की क्षति व कमी के लिए प्रभारी व समिति कर्मचारियों को जिम्मेदार न माना जाए। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 की धान खरीदी की प्रोत्साहन राशि अभी तक समितियों को नहीं मिली है उसे भी शीघ्र समिति के खाते में समायोजन किया जाए। उक्त दोनों मांग एक सप्ताह के भीतर पूर्ण नहीं होने की स्थिति में समिति कर्मचारी एवं धान खरीदी के कर्मचारी अवकाश लेकर जिला विपणन कार्यालय के सामने 13 फरवरी को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेंगे।