राज्य स्तरीय जेल लोक अदालत में 36 मामले निराकृत
दुर्ग। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार एवं श्रीमती नीता यादव, जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग के मार्गदर्शन में ’राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत’ का आयोजन केन्द्रीय जेल दुर्ग में किया गया।
संतोष कुमार ठाकुर, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, दुर्ग के अलावा प्रमुख रूप से गठित दो खण्डपीठ के पीठासीन न्यायिक अधिकारीगण श्रीमती सरोजनी जनार्दन खरे, न्या.मजि.प्रथम श्रेणी, दुर्ग एवं डी. एस. बद्येल, न्या.मजि.प्रथम श्रेणी, दुर्ग तथा प्रतिबंधात्मक धाराओं के प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारी दीपक कुमार निकुंज एस.डी.एम. भिलाईनगर/छावनी एवं आशीष डहरिया, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग, केन्द्रीय जेल दुर्ग की ओर से आर. आर. राय जेल अधीक्षक, दुर्ग श्यामलाल ठाकुर उप जेल अधीक्षक, केन्द्रीय जेल दुर्ग व जेल के अन्य कर्मचारी/स्टाफ उपस्थित थे।
इस अवसर पर उपस्थित न्यायिक अधिकारीगण एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग द्वारा जेल में निरूद्ध बंदियों को प्ली-बार्गेनिंग, अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी तथा विचाराधीन बंदियों के प्रकरणों के सुगमता से निराकरण के कई कानूनी पहलुओं की जानकारी प्रदान करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को जेल में निरूद्ध प्रत्येक बंदी के लिए सदैव विधि अनुसार सहयोग करने के लिए तत्पर एवं प्रतिबद्ध होना बताया गया।
केन्द्रीय जेल दुर्ग में आयोजित उक्त राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के न्यायालय में लंबित ऐसे बंदियों के प्रकरणों जिनमें बंदियों द्वारा अपराध स्वीकार किया गया, प्ली-बारगेनिंग एवं सामान्य मामलों का निराकरण किया गया जिसके तहत जिला न्यायालय में दो खंडपीठ एवं राजस्व न्यायालय की एक खंडपीठ का गठन किया गया था। उक्त गठित खंडपीठ में कल 36 मामले निराकृत हुए जिसमें 29 मामले न्यायालयिन एवं सात मामले राजस्व न्यायालय के शामिल है।