मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती से दुष्कर्म, पीड़िता की बहन ने अबार्शन कराने हाई कोर्ट में लगाई गुहार

 मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती से दुष्कर्म, पीड़िता की बहन ने अबार्शन कराने हाई कोर्ट में लगाई गुहार

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार

 

26 साल की मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती की पीड़ा उसके अलावा ना तो कोई जान सकता और ना ही उसे महसूस ही कर सकता है। मानसिक विक्षिप्ति युवती को दरिंदों ने अपनी हवस का शिकार बनाकर गर्भवती कर दिया। पीड़िता की बहन ने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका कर बहन के अनचाहे गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने सिम्स प्रबंधन को चिकित्सकों की टीम से जांच कराने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

 

बिलासपुर। मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती की बहन ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बहन के अनचाहे गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने सिम्स प्रबंधन को विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बनाकर पीड़िता की जांच करने और अबार्शन कराने की स्थिति में जोखिम को लेकर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सिम्स प्रबंधन को एक अप्रैल से पहले रिपोर्ट पेश करने कहा है।

 

याचिकाकर्ता बहन ने अपनी याचिका में कहा है कि पीड़िता की उम्र 26 साल की है और वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है। दरिंदों ने उसकी बहन को अपनी हवस का शिकार बनाया। इसके चलते उसे गर्भ ठहर गया है। मानसिक रूप से विक्षिप्त के अनचाहे गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी है। याचिका में बताया कि दुष्कर्म की घटना की जानकारी मिलने के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया है।

 

राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों ने कोर्ट से कहा कि अबार्शन से पहले पीड़िता का स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक है। अबार्शन की स्थिति में जोखिम तो नहीं है,इसकी भी पूरी जांच की जानी चाहिए। इसके बाद ही आगे निर्णय लिया जाए। राज्य शासन के अधिवक्ता की सलाह को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने सिम्स प्रबंधन को विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बनाकर पीड़िता का हेल्थ चेकअप करने और साथ ही अबार्शन की स्थिति में जोखिम को लेकर भी रिपोर्ट पेश करने कहा है।

 

मेडिकल रिपोर्ट में इस बात का भी साफतौर पर उल्लेख करने और सलाह देने कहा है कि क्या पीड़िता का स्वास्थ्य अबार्शन के लिए ठीक है। किसी तरह का कोई जोखिम तो नहीं। मेडिकल चेकअप के लिए पीड़िता और परिजनोें को परिवहन सहित अन्य जरुरी सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश राज्य शासन को दिया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने दो अप्रैल की तिथि तय कर दी है। इसके पहले सिम्स प्रबंधन को पीड़िता का मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करना होगा।