दूसरे राज्यों में कैसे सफलतापूर्वक चल रहे फ्री कैटल जोन: हाई कोर्ट
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार,,,
सड़कों को मवेशी मुक्त करने पर हाईकोर्ट सख्त
राज्य सरकार से मांगी कार्ययोजना
राज्य सरकार ने योजना के लिए एसओपी जारी करने की मांगी मोहलत, अगली सुनवाई 16 दिसंबर को
बिलासपुर। सड़कों और प्रमुख जगहों को मवेशी मुक्त करने के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने छग शासन के मुख्य सचिव से पूछा कि, देश के दूसरे राज्यो में भी तो फ्री कैटल जोन बनाए गए हैं। सड़कों को मवेशी से मुक्त रखा गया है। वहां किस पालिसी पर काम किया जा रहा है, क्या कार्ययोजना है। कोर्ट ने इस संबंध में पूरी पालिसी मंगाई और रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में हुई। चीफ जस्टिस ने मुख्य सचिव से पूछा कि, देश के दूसरे राज्यों में फ्री कैटल जोन योजना सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है। वहां किस तरह की कार्ययोजना बनाई गई हैं और उस पर कैसे अमल किया जा रहा है, इसे लेकर उन राज्यों के अफसरों से चर्चा करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि, जब दूसरे राज्यों में योजना का संचालन ठीक ढंग से हो रहा है तो यहां क्यों नहीं। इस बीच राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों ने राज्य शासन की ओर से उठाए जा रहे कदमों की डिवीजन बेंच को जानकारी दी। चीफ जस्टिस से प्रदेश की सड़कों को मवेशी मुक्त करने की योजना को गंभीरता से संचालित करने और कड़ाई से पालन करने का निर्देश भी दिए हैं। राज्य शासन ने एसओपी जारी करने हाई कोर्ट से मोहलत मांगी। इस पर कोर्ट ने शासन को मोहलत देते हुए पीआइएल की अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर को तय कर दी है।
डिप्टी एजी ने कोर्ट को दी जानकारी
राज्य सरकार का पक्ष रखने वाले उप महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने डिवीजन बेंच को बताया कि प्रस्तावित कार्ययोजना को लेकर एक विशेष समिति बनाई गई है। दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने के लिए एसओपी जारी किया जाएगा। इसके लिए उप महाधिवक्ता ने शासन की ओर से समय की मांग की। दरअसल बिलासपुर सहित प्रदेश की सड़कों में मवेशियों का जमावड़ा रहता है, जिससे लगातार दुर्घटनाओं के मामले भी सामने आते हैं। इन सब मामलों को लेकर के छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने संबंधित विभागों को सड़क पर बैठे मवेशियों को लेकर और दुर्घटना सहित सटीक रोड मैप नहीं बनाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। बेंच ने नाराजगी जाहिर करते हुए शासन से कहा था कि, आठ सप्ताह नहीं आठ साल ले लें लेकिन मवेशी सड़क पर दिखना नहीं चाहिए।