6 दिन में ही बना धान खरीदी का रेकॉर्ड, सरकार ने किसानों को किया 502 करोड़ रुपये का भुगतान,
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार,,,,
रायपुर: छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर 14 नवबंर से धान की खरीदी हो रही है। महज 6 दिन धान खरीदी को लेकर बड़ा रिकॉर्ड बना है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि राज्य में अभी तक 3.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। 68,668 किसान अब तक धान बेच चुके हैं। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 502.53 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह महाअभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा।
धान खरीदी के लिए 27 लाख किसान रजिस्टर्ड
खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में मंगलवार को 20,296 किसानों से 93 हजार 581 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। राज्य में धान बेचने के लिए इस साल 27.68 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है। जिसमें 1.42 लाख नए किसान शामिल है। उन्होंने बताया कि 19 नवंबर के लिए कुल 23791 टोकन जारी किए गए थे। वहीं, बुधवार को 19, 934 टोकन जारी किए गए हैं।
किसानों के लिए मददगार हैं माइक्रो एटीएम
मंत्री दयाल दास बघेल ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केन्द्रों के माइक्रो एटीएम से दो हजार रूपए से लेकर दस हजार रूपए तक की राशि निकालने की सुविधा दी है। इससे किसानों को धान बेचने परिवहन के लिए किराए पर लिए गए ट्रैक्टर, मेटाडोर आदि का भाड़ा और हमाली-मजदूरी का भुगतान करने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस फैसले से किसान बेहद प्रसन्न हैं।
बॉर्डर पर रखी जा रही है नजर
मंत्री दयाल दास बघेल ने बताया कि दूसरे राज्यों से धान के अवैध आवक और परिवहन की रोकथाम के लिए बॉर्डर इलाकों में विशेष निगरानी रखने के लिए चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं। धान खरीदी व्यवस्था पर निगरानी के लिए अलग-अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई गई है, जो लगातार इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धान खरीदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 2739 उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीद रही है। इस साल 160 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि हम किसानों की पूरी धान खरीदेंगे।