कांवड़ में जुड़वा बेटियां, 100 किलोमीटर की दूरी, पापा हो तो ऐसे, लोग दे रहे मिसाल

 कांवड़ में जुड़वा बेटियां, 100 किलोमीटर की दूरी, पापा हो तो ऐसे, लोग दे रहे मिसाल

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

 

सावन के आखिरी सोमवार के दिन एक पिता अपनी दो जुड़वा बेटियों को कांवड़ में बिठाकर भोलेनाथ के मंदिर पहुंचा. इस दौरान वहां मौजूद लोग इस अनोखी कांवड़ को देख हैरान रह गए.

 

 

हाथरसः उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 100 किलोमीटर की दूरी तय करके एक पिता अपनी जुड़वा बेटियों को पैदल कांवड़ पर बैठाकर लेकर आया. जिले में सावन के आखिरी सोमवार को एक पिता 100 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके गंगाजल के साथ-साथ कांवड़ में बैठाकर अपनी दो बेटियों को भी साथ लेकर आया. इस अनोखी कावड़ यात्रा से उसने समाज में यह संदेश देने की कोशिश की कि बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं.

 

आपको बता दें कि हसायन कोतवाली क्षेत्र के गांव बदनपुर निवासी अनिल कासगंज के सोंरो गंगा घाट से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तय कर अपनी दोनो बेटियो के साथ अपने गांव कावड़ लेकर पहुंचा. उसकी इस अनोखी कांवड़ की चर्चा आसपास के इलाके में रही. इसकी वजह यह थी कि गंगाजल के साथ-साथ उसकी कावड़ में अनिल की 5 साल की दोनों जुड़वा बेटियां भी बैठी थीं.

 

अनिल ने मंदिर में जाकर बाबा भोलेनाथ का गंगाजल से जल अभिषेक किया. इस अनोखी कावड़ को लेकर अनिल ने बताया कि अक्सर लोग श्रवण कुमार की तरह अपने माता-पिता को लेकर आते हैं. लेकिन वह अपनी बेटियों को इसलिए कावड़ में लेकर आया है. क्योंकि इस माध्यम से वह समाज में यह संदेश देना चाहता है कि बेटियों पर अत्याचार बंद होना चाहिए.

 

वहीं अनिल ने यह भी कहा कि आज के समय में बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं. उनकी सुरक्षा के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए. हमें बेटियों को पढ़ा लिखा कर उन्हें तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ाना l चाहिए।जिससे बेटियो का भविष्य उज्ज्वल हो और तरक्की में आगे बढ़े.

 

 

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