आठ लोगों की टुकड़ी लेकर नक्सलियों से भिड़े थे शिशुपाल, अब राष्ट्रपति के हाथों होंगे सम्मानित

 आठ लोगों की टुकड़ी लेकर नक्सलियों से भिड़े थे शिशुपाल, अब राष्ट्रपति के हाथों होंगे सम्मानित

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

बालोद।बालोद जिले के पुरुर थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा का नाम स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले वीरता के राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयनित हुआ है इसके बाद से पूरे जिले भर के पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारियों में हर्ष व्याप्त है शिशुपाल सिंह ने इसके लिए अपने साथ काम करने वाले सभी अधिकारी कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया वहीं वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके थाने पहुंचकर उनका उत्साह बढ़ाया पूरे थाने परिसर में मिठाई बांटी जा रही है। शिशुपाल सिंह ने कहा कि यह पुरस्कार उसे घटना के समय की है वर्ष 2021 की जब दरगाह घाटी में हम अपने कुछ साथियों के साथ नक्सलियों से भिड़ चुके थे बैकअप फोर्स आने में समय था पर हम अपने आठ साथियों के साथ नक्सलियों का डटकर सामना करते रहे।

 

 

बस्तर में 12 साल सेवा

निरीक्षक शिशुपाल सिन्हा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि यह उस 12 साल के सेवा का परिणाम है जो मैंने बस्तर में दिया है वहां पर करने को काफी कुछ होता है नक्सल मूवमेंट होते ही रहता है और हम जान में जोखिम में लेकर नौकरी करते हैं ताकि हमारे क्षेत्रवासी सुरक्षित रह सके बस्तर में ऐसा होते रहता है पर वहां काफी कुछ सीखने को मिलता है जब हम बस्तर में नौकरी कर लेते हैं तो हमें सभी तरह का डर समाप्त हो जाता है पुलिस की नौकरी में हमें हमेशा निडर रहने और आम जनता के साथ अपनेपन के भाव के साथ सेवा करने का गुर सिखाया जाता है।

 

 

 

30 जून की घटना

शिशुपाल सिंह के नामांकन की सूचना उन्हें कुछ देर पहले ही मिली हुई थी हम उनसे मिलने पहुंचे तो उन्होंने बताया कि जी के लिए वीरता पुरस्कार के लिए मेरा नामांकन हुआ है वह घटना 30 जून 2021 की है हमे सूचना मिली थी की झीरम घाटी के पास नक्सलियों की टोली आई हुई है इसके एक सप्ताह पहले ही वहां पर घटना हुई थी जिसमे 3 माओवादियों को मारा गया था, इसके बाद नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी जिस पर हमारे पास आठ लोगों की छोटी टुकड़ी थी जिसे हम लेकर निकले हुए थे बाद में फोर्स भेजा जा रहा था पुलिस अधीक्षक के द्वारा पर जिस साहस से आठ लोगों की टीम ने माओवादियों का सामना किया और वहां पर सफलता हासिल की वह काबिले तारीफ थी उसे समय आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया था और आज 3 साल बाद मुझे राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है।