राइस मिलरों पर गिरी गाज: खाद्य विभाग ने 8700 कुंतल चावल किए रिजेक्ट, निर्धारित की गई एफआरके की मात्रा मिली कम
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुरूप चावल नहीं पाए जाने खाद्य विभाग की टीम ने 35 लाट चावल रिजेक्ट कर दिए हैं। इन चावलों में भारत सरकार द्वारा निर्धारित FRK की मात्रा कम पाई गई थी।
रायपुर।।भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुरूप चावल नहीं पाए जाने पर भारत सरकार के खाद्य विभाग की टीम ने जांच करते हुए पेंड्रा मरवाही के नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में रखे हुए 35 लाट चावल रिजेक्ट कर दिए हैं। इन चावलों में भारत सरकार द्वारा निर्धारित FRK की मात्रा कम पाई गई थी। सैंपल जांच के बाद गोदाम में जमा चावल को रिजेक्ट करने की यह अब तक की बड़ी कार्रवाई है। नागरिक आपूर्ति निगम के क्वालिटी इंस्पेक्टर ने सैंपल जांच के बाद सभी चावलों को गुणवत्तापूर्ण बताकर जमा कर लिया था।
कुपोषण और एनीमिया को खत्म करने के लिए राशन दुकानों के माध्यम से फोर्टीफाइड राइस बांटने की योजना पर राइस मिल पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। भारत सरकार के खाद्य विभाग की टीम ने आकस्मिक निरीक्षण कर नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जमा किए गए राइस मिलरों के चावल की बड़ी खेप निर्धारित गुणवत्तापूर्ण न पाकर रिजेक्ट कर दिया है। रिजेक्ट किए गए चावल की मात्रा भी थोड़ी नहीं, बल्कि कुल 35 लाट हैं। इसमें 50 किलो प्रति बोरी वजन के 17,400 बोरे हैं।
ये वो चावल हैं, जिसे नागरिक आपूर्ति निगम के क्वालिटी इंस्पेक्टर ने पूर्ण गुणवत्तायुक्त बताकर जमा कर लिया था। भारत सरकार द्वारा हुए इस अचानक जांच से राइस मिलरों में हड़कंप मचा हुआ है। नागरिक आपूर्ति निगम के पेंड्रा गोदाम में 30 लाट, जबकि मरवाही गोदाम से एक लॉट चावल को रिजेक्ट किया गया है। यह सभी अमानक चावल जिले के ही छह राइस मिलरों के द्वारा जमा किया गया था।
फोर्टीफाइड राइस में आयरन फोलिक एसिड विटामिन b12 के साथ जिंक विटामिन ए1, विटामिन बी 2, विटामिन बी b3 जैसे b6 पोषक तत्व मौजूद होते हैं। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण से निपटने के लिए फोर्टीफाइड बांटने की योजना सभी राशन दुकानों में शुरू की हैं, जिसके लिए 4270 करोड रुपये खर्च का बजट भी स्वीकृत कर रखा है। सरकार की महत्वपूर्ण योजना पर नागरिक आपूर्ति निगम राइस मिलों के साथ सांठ-गांठ कर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। मामले में जब नागरिक आपूर्ति निगम के क्वालिटी इंस्पेक्टर से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए हाथ जोड़ लिया। वहीं, जिला प्रबंधक ने पूरे मामले पर जानकारी दी है।