छत्तीसगढ़ के जेल बंदियों का मेहनताना बढ़ाएगी सरकार, हाईकोर्ट में शासन ने दिया शपथ पत्र –

 छत्तीसगढ़ के जेल बंदियों का मेहनताना बढ़ाएगी सरकार, हाईकोर्ट में शासन ने दिया शपथ पत्र –

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जेलों में बंदियों को समुचित पारिश्रमिक दिये जाने की मांग को लेकर जनहित याचिका लगाई गई थी. याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की. सुनवाई को दौरान राज्य शासन ने शपथ पत्र देकर बताया कि कैदियों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है. जिसके बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य शासन के जवाब से संतुष्ट होकर याचिका खारिज कर दिया.

 

 

बिलासपुर : प्रदेश की जेल में बंद कैदियों का मानदेय बढ़ाने को लेकर गुरुवार को राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिया. शपथ पत्र में बताया गया कि कैदियों की कुशल और अकुशल दोनों श्रेणियों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है. मांग पूरी करने के जवाब से संतुष्ट होकर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने वेतन बढ़ाने को लेकर लगाई गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है.जेल बंदियों का वेतन बढ़ाने की मांग :पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने वकील संजय कुमार अग्रवाल के जरिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में प्रदेश की जेलों में बंदियों को समुचित पारिश्रमिक दिये जाने की मांग की गई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.

राज्य शासन ने हाईकोर्ट में दिया शपथ पत्र : गुरुवार को शपथ पत्र प्रस्तुत कर राज्य शासन ने बताया कि प्रदेश की जेल में बंद कैदियों का मानदेय बढ़ाया जा रहा है. इसके अंतर्गत अकुशल कैदियों को 60 की जगह 80 और कुशल श्रेणी में 75 से बढ़ाकर 100 रुपए प्रतिदिन मानदेय किया जाएगा. कोर्ट ने राज्य शासन के जवाब से संतुष्ट होकर याचिका खारिज कर दिया है.यह है मामला : हाईकोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, याचिका में कहा गया कि प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को उनके काम के अनुसार पारिश्रमिक दिये जाने का नियम है. इसके अनुसार इन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 60 से 75 रुपये तक पारिश्रमिक दिया जाता है. वर्तमान परिस्थतियों में यह कम है. वर्षों से बंदियों को यही पारिश्रमिक दिया जा रहा है, जो आज के समय में पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है. इन्हें कलेक्टर दर की तरह ही मेहनताना दिया जाना चाहिए, जो बाद में इनके जीवन में काम आ सके. याचिका में यह जानकारी भी दी गई कि मानदेय बढ़ाने का मामला राज्यसभा में भी उठ चुका है.

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