पिरदा बारूद फैक्ट्री विस्फोट में प्रबंधन को बचा रही है सरकार, विपक्ष के आरोप पर जानिए मंत्री ने क्या दिया जवाब
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन विपक्ष ने उठाया मामला
पिरदा बारूद फैक्ट्री मुद्दे पर विपक्ष को नहीं भाया मंत्री का जवाब
कांग्रेस विधायक राघवेन्द्र सिंह ने सवालों का उद्योग मंत्री ने दिया जवाब
रायपुर। बेमेतरा-पिरदा बारूद फैक्ट्री में विस्फोट के मामले पर विपक्ष ने उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन का बहिर्गमन कर दिया। कांग्रेस विधायक राघवेन्द्र सिंह और शेषराज हरबंश के ध्यानाकर्षण पर मिले जवाबों से विपक्ष संतुष्ट नजर नहीं आया। कांग्रेस विधायकों ने फैक्ट्री में सुरक्षा मापदंडों का पालन नहीं होने पर सवाल उठाया।
मंत्री ने कहा कि घटना पर जांच जारी है। जांच के बाद पाई गई कमियों को दूर करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। फैक्ट्री में हुई दुर्घटना की जांच के बाद यहां उत्पादन बंद करने के भी आदेश दिए गए, जो कि अभी भी लागू हैं। फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है।
विपक्ष का आरोप- फैक्ट्री प्रबंधन का बचाव कर रही है सरकार
बहस के दौरान विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार फैक्ट्री प्रबंधन का बचाव कर रही है। कांग्रेस विधायक राघवेन्द्र सिंह ने सुरक्षा के इंतजाम से लेकर कड़ी कार्रवाई पर सवाल पूछा। उद्योग मंत्री ने कहा कि घटना के बाद फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त किया जा चुका है। मामले में दंडाधिकारी जांच भी जारी है।
यह फैक्ट्री 1991 से संचालित हैं। फैक्ट्री में कई खामियां पाई गईं, जिसके आधार पर विभागीय व कानूनी दोनों तरह की कार्रवाई चल रही है। अभी फैक्ट्री पूरी तरह बंद है। सरकार श्रमिकों के साथ है। फैक्ट्री प्रबंधन ने 35 लाख व सरकार ने घटना के पीड़ितों को पांच लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई है।
जल जीवन मिशन : पूरा सेटअप तैयार, लेकिन पानी नहीं
जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसे गांव हैं, जहां जल जीवन मिशन के लिए पाइप लाइन बिछा दिया गया, स्ट्रक्चर, पानी टंकी तैयार कर दिया गया, लेकिन जब पानी सप्लाई की बारी आई तो पता चला कि वहां पानी का स्त्रोत ही नहीं मिल रहा।
यह समस्या कई गांवों में हैं, जिसकी वजह से जल जीवन मिशन का प्रोजेक्ट अधूरा है। ऐसे गांवों में पानी के दूसरे स्त्रोत ढूंढने या अन्य विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए। नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कहा कि मिशन के अंतर्गत जिन गांवों में स्त्रोत की समस्या है,वहां दूसरे विकल्पों से पानी पहुंचाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी।