सड़क हादसों के लिए मवेशी व सड़क किनारे खड़े वाहन है जिम्मेदारी

 सड़क हादसों के लिए मवेशी व सड़क किनारे खड़े वाहन है जिम्मेदारी

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

राज्य शासन व एनएचएआइ के अफसरों ने हाई कोर्ट में दिया जवाब

अफसरों ने यह भी बताया कि सड़कों से इसे हटाने की कार्रवाई की जा रही है।

 

बिलासपुर। प्रदेश में लगातार हो रहे सड़क हादसों के लिए राज्य शासन व एनएचएआइ (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अफसरों ने रोचक जवाब पेश किया है। अफसरों ने इसके लिए बेसहारा मवेशियों और सड़कों के किनारे खड़े वाहनों को जिम्मेदार ठहराया है। अफसरों ने यह भी बताया कि सड़कों से इसे हटाने की कार्रवाई की जा रही है। समितियों की बैठक के अलावा सतर्कता के लिए किए जा रहे उपायों की भी कोर्ट को जानकारी दी।

डिवीजन बेंच ने परिवहन विभाग के अफसरों को नोटिस जारी कर इस संबंध में उनके द्वारा किए जा रहे उपाय की जानकारी मांगी। अगली सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तिथि तय कर दी है। कवर्धा में हुए सड़क हादसे को स्वत: संज्ञान में लेते हुए हाई कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। 24 मई को जनहित याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने इस पर चिंता जताई थी और सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई हुई। इस दौरान डिवीजन बेंच ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसरों से पूछा कि सड़क हादसे को रोकने के लिए उनकी तरफ से क्या उपाय किए जा रहे हैं। कोर्ट ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि लगातार निर्देश के बाद भी प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कोर्ट ने यह भी पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब तक आप लोगों ने क्या अमल किया।

 

सड़क सुरक्षा समिति के कामकाज के बारे में मांगी जानकारी

 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य शासन की ओर से जवाब पेश करने के लिए उपस्थित महाधिवक्ता से पूछा कि क्या प्रदेश में रोड सेफ्टी कमेटी (सड़क सुरक्षा समिति) है। अगर है तो यह कमेटी क्या कर रही है। प्रदेश सरकार ने दुर्घटनाएं रोकने के लिए अब तक कितने निर्देश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन करने के लिए अब तक क्या किया गया है। कोर्ट ने कहा कि हाइवे पर स्पीड कंट्रोल (गति नियंत्रण) के लिए एनसीआर में आटोमेटिक सिस्टम का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां क्यों नहीं हो सकता।