दमोह में 13 महीने बाद पिता को मिलीं बेटे की अस्थियां, डीएनए सैंपल मिलान नहीं होने से उलझा मामला दमोह जिले के पथरिया थाना अंतर्गत ग्राम पिपरिया छक्का का मामला
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
बेटे को खोजने पिता ने रखा था पांच लाख रुपये का इनाम
सागर, इंदौर, चंडीगढ़ के बीच उलझा रहा मामला
दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पथरिया थाना अंतर्गत ग्राम पिपरिया छक्का में डीएनए सैंपल का मिलान नहीं होने से एक पिता 13 महीने तक अपने बेटे की अस्थियां पाने के लिए संघर्ष करता रहा। आखिरकार पुलिस ने पिता लक्ष्मण पटेल के आवेदन पर उसके 14 वर्षीय पुत्र जयराज की कुछ अस्थियां रविवार को पिता के हवाले कर दीं। पथरिया टीआइ सुधीर बेगी गांव पहुंचे और अस्थियां पिता के सुपुर्द कर ग्रामीणों के सामने दफन करा दी गईं।
इतनी लंबी प्रक्रिया के बाद भी यह तय नहीं हो सका है कि जो शव पुलिस ने बरामद किया था वह उसके पुत्र का है कि नहीं। कारण ये है कि बच्चा इंदौर में 14 पूर्व टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया से जन्मा था। शव मिलने के बाद जांच के लिए एफएसएल सागर फिर चंडीगढ़ लैब भेजा गया था। चंडीगढ़ से मिली रिपोर्ट में नाबालिग के माता-पिता से डीएनए मिलान नहीं हुआ। अब पुलिस फिर से सैंपल चंडीगढ़ भेजे जाने की बात कह रही है। जयराज 29 मार्च 2023 को घर से लापता हो गया था। 14 मई को उसका कंकाल गांव के ही तालाब के पास मिला था। मामला कानूनी और पुलिस प्रक्रिया में होने के कारण पिता को अस्थियां नहीं मिल पा रहीं थी।
पिता ने रखा था पांच लाख रुपये का इनाम
लक्ष्मण पटेल का 14 वर्षीय पुत्र जयराज कक्षा 10वीं में पढ़ता था। वह 28 मार्च को गांव से लापता हो गया था। पिता लक्ष्मण और मां यशोदा ने जयराज की काफी खोजबीन की पर वह नहीं मिला। दुखी पिता ने बेटे के बारे में जानकारी देने पर पांच लाख रुपये का इनाम तक रख दिया था। इसी बीच गांव के तालाब के पास एक कंकाल मिला था। कपड़े के आधार पर पिता ने कंकाल की पहचान बेटे जयराज के रूप में की थी और कंकाल अंतिम संस्कार करने के लिए मांगा था। पुलिस ने इसे पर्याप्त सबूत न मानते हुए कंकाल को डीएनए जांच के लिए सागर एफएसएल भेजा था, लेकिन वहां से जांच नहीं हुई तो चंडीगढ़ भेजा था।
चंडीगढ़ से मिली रिपोर्ट का मिलान माता-पिता से नहीं हुआ। पुलिस पूछताछ में पिता ने बताया कि उन्होंने टेस्ट ट्यूब के जरिये संतान को जन्म दिया था। पुलिस इंदौर पहुंची पर जांच अधूरी रह गई। अब पुलिस फिर सैंपल चंडीगढ़ भेजने की तैयारी में है। पिता लक्ष्मण ने बताया कि उन्हें अस्थियां मिल गई है जिन्हें दफना दिया है, अब बाकी के संस्कार करेंगे। पथरिया टीआइ सुधीर बेगी ने बताया कि डीएनए का सैंपल अभी अलग रखा हुआ है, जिसे चंडीगढ़ जांच को दोबारा भेजना है। नाबालिग का कंकाल अलग रखा था, जिसे स्वजनों के सुपुर्द किया गया है।
पिता के आवेदन पर अस्थियां सुपुर्द कर दी गई हैं। अभी मामले की जांच चल रही है। डीएनए रिपोर्ट दोबारा मांगने के लिए सैंपल चंडीगढ़ भेजा जाना है।
श्रुतकीर्ति सोमवंशी, पुलिस अधीक्षक, दमोह
विशेषज्ञ का मत
इस तरह के मामले पूर्व में ही सामने आते रहे हैं। इनके निदान के लिए वर्ष 2021-22 में एआरटी बिल 2022 (सहायता प्राप्त जननीय प्रौद्योगिकी विनियमन, नियम 2022) आया है। बिल लागू होने के बाद अब पूरी कार्रवाई लिखित रूप से की जानी लगी है, ताकि पता चल सके बच्चा कानूनी रूप से किसका है। बिल आने से पहले इस तरह की कार्रवाई नहीं होती थी। ऐसी समस्या कई प्रकरणों में सामने आती है।
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