नक्सल प्रभावित क्षेत्र मतदान कराने के लिए हेलीकाप्टर से रवाना हुई पोलिंग पार्टी, 19 अप्रैल को होगी वोटिंग

 नक्सल प्रभावित क्षेत्र मतदान कराने के लिए हेलीकाप्टर से रवाना हुई पोलिंग पार्टी, 19 अप्रैल को होगी वोटिंग

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

जगदलपुर। : छत्‍तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित एकमात्र बस्तर लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को होने जा रहे लोकतंत्र के महायज्ञ के लिए तैयारी अब अंतिम चरण में है। मतदान दलों के प्रशिक्षण के बाद अब मंगलवार को अति नक्सल संवेदनशील केंद्रों के लिए मतदान दलों को रवाना कर दिया गया।

नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया, 19 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव है। 33 मतदान केंद्रों पर मतदान दल को हेलीकाप्टर से भेज रहे हैं। इलाके की संवेदनशीलता, नक्सली गतिविधियों और जीरो एरर को ध्यान में रखते हुए 4 हेलीकाप्टर लगाए गए हैं। 9 हेलीपैड बनाए गए हैं।

तीन दिन पहले हेलीकाप्टर से पोलिंग पार्टी को भेजा गया

बस्तर लोकसभा सीट के 1,957 मतदान केंद्र में से अतिसंवेदनशील 150 मतदान केंद्रों के लिए तीन दिन पहले हेलीकाप्टर से दलों को भेजा गया। इसमें से करीब 75 दल मंगलवार को भेजा गया, जबकि बाकी 75 दल बुधवार को भेजे जाएंगे। इसके लिए सुबह छह बजे से ही मतदान दलों को बुला लिया गया।

सुबह आठ बजे से पोलिंग पार्टी को लेकर वायुसेना के हेलीकाप्टर ने उड़ान भरी। इसके लिए वायुसेना के दस से अधिक हेलीकाप्टर की व्यवस्था की गई है। दूसरी ओर बस्तर में सुरक्षित मतदान कराने का संकल्प लेकर एक लाख से अधिक बल पिछले एक माह से बस्तर में निगरानी कर रहा है। केंद्र से सुरक्षा बल की 350 टुकड़ियां भी बस्तर पहुंच चुकी हैं।

लखमा-महेश सहित 11 प्रत्याशी मैदान में

 

लोकसभा चुनाव में प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा के महेश कश्यप व कांग्रेस के कवासी लखमा सहित सीपीआइ, बहुजन समाज पार्टी व अन्य दल व निर्दलीय को मिलाकर 11 प्रत्याशी 19 अप्रैल को होने वाले चुनावी मुकाबले में होंगे। अभी प्रचार-प्रसार का जोर पकड़ चुका है जो कि 17 अप्रैल को थम जाएगा। मुख्य मुकाबला भाजपा के महेश कश्यप व कांग्रेस के कवासी लखमा के मध्य दिखाई दे रहा है। महेश कश्यप मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ते दिख रहे हैं तो लखमा अपने भरोसे पर।

 

बस्तर में पिछले पांच वर्ष में सुरक्षा बल के लगभग 200 नए कैंप नक्सलियों के आधार क्षेत्र में स्थापित किए जाने के बाद लगभग 3,000 वर्ग किमी का क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव से सुरक्षा बल ने मुक्त करा लिया गया है। नक्सल प्रभावित 2,700 से अधिक गांव में से लगभग 600 गांव से नक्सलियों को खदेड़ा गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इन गांव में 118 नये मतदान केंद्र इस बार खोले गए हैं, जहां दशकों बाद ग्रामीण अपने ही गांव में मतदान करेंगे। इसमें से बीजापुर जिले में पालनार एकमात्र ऐसा गांव हैं, जहां चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी मतदान नहीं हुआ था।

 

2019 के मुकाबले 118 नए केंद्र

पिछले लोकसभा में बस्तर में 66.04 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके बाद से अब तक सुरक्षा बल के प्रयास से बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों तक पहुंच बढ़ी है। निर्वाचन आयोग की ओर से भी चुनाव को लेकर लगातार जागरूकता अभियान किए जाने के बाद मतदाताओं के मन भी लोकतंत्र पर भरोसा बढ़ा है।

 

इस वजह से चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी बस्तर ने रेकार्ड 75.62 प्रतिशत मतदान हुआ। इस बार भी रेकार्ड मतदान की संभावना है। पिछले लोकसभा में बस्तर में 66.04 प्रतिशत हुआ था मतदान, अब प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद

 

नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले का पालनार एकमात्र ऐसा गांव हैं, जहां विधानसभा चुनाव के मुकाबले नया मतदान केंद्र खोला गया है। गांव में मतदान दल को सुरक्षित पहुंचाने सुरक्षा कैंप के समीप निर्माणाधीन हेलीपैड।l