छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, मनी लॉन्ड्रिंग केस रद्द, पूर्व IAS टुटेजा और उनके बेटे को बड़ी राहत

 छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, मनी लॉन्ड्रिंग केस रद्द, पूर्व IAS टुटेजा और उनके बेटे को बड़ी राहत

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

 

 

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा सहित 6 आरोपियों को बड़ी राहत मिली है। मामले में सुनवाई जस्टिस अभय एस औका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच में हुई।

 

 

मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि मामले में ईसीआईआर और एफआईआर को देखने से पता चलता है कि कोई विधेय या अपराध नहीं हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जब कोई आपराधिक धनराशि ही नहीं है तो इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का केस ही नहीं बनता है।

 

 

क्या है शराब घोटाला

ईडी की जांच के मुताबिक, पूर्व कांग्रेस सरकार में उच्च स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था। छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। साल 2019-22 में दो हजार करोड़ रुपए से अधिक काले धन की कमाई हुई। मनी लॉन्ड्रिंग मामला 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा है।

 

 

पूर्व की कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि सीएसएमसीएल (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी हुई। प्रति शराब मामले के आधार पर राज्य में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया। ईडी के मुताबिक, डिस्टिलर्स से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की अनुमति देने के लिए रिश्वत ली गई थी।

 

 

एसीबी और ईओडब्ल्यू ने ईडी के पत्र के आधार पर जनवरी 2024 में एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू के दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्टरमाइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस और अन्य सरकारी ऑफिसर और लोग सहयोग किए थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं तीनों को जाता था। टुटेजा पूर्व आईएएस ऑफिसर हैं, जब घोटाला हुआ तब वे वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी थे। वहीं अनवर ढेबर रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई और शराब कारोबारी है।