किस पार्टी को दिया वोट’, भूलकर भी न करें खुलासा, हो सकता है केस दर्ज, जानें क्या है कानून

 किस पार्टी को दिया वोट’, भूलकर भी न करें खुलासा, हो सकता है केस दर्ज, जानें क्या है कानून

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

 

यदि कोई वोटर सेक्शन 39 (1) के इस नियम का उल्लंघन करता है तो चुनाव अधिकारी वोटर को मतदान करने से रोक सकता है।

 

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आज तीसरे चरण की वोटिंग जारी है।

यदि आप भी आज वोट देने जा रहे हैं तो पोलिंग स्टेशन पर कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।

मतदाता को मतदान की गोपनीयता बनाए रखना चाहिए।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आज तीसरे चरण की वोटिंग जारी है। यदि आपकी उम्र भी 18 साल से ज्यादा है तो कानून के अनुसार आपको वोट डालने का अधिकार है। ऐसे में एक जिम्मेदार वोटर को अपने अधिकार के साथ-साथ अपनी जिम्मेदारियों के बारे में भी पता होना जरूरी है। एक जिम्मेदार वोटर को अपने मत को हमेशा ही गोपनीय रखना चाहिए। वोट डालने के बाद इस बात का खुलासा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए कि उसने अपना मत किस राजनीतिक दल को दिया है।

पोलिंग स्टेशन पर इन बातों का रखें ध्यान

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आज तीसरे चरण की वोटिंग जारी है और यदि आप भी आज वोट देने जा रहे हैं तो पोलिंग स्टेशन पर कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए, अन्यथा आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी हो सकती है। इसमें एक जरूरी नियम ये है कि मतदाता को मतदान की गोपनीयता बनाए रखना चाहिए। इस बारे में कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स, 1961 के सेक्शन 39 में जिक्र मिलता है।

क्या है मतदान की गोपनीयता कानून

कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स, 1961 के सेक्शन 39 में उल्लेख है कि पोलिंग स्टेशन के अंदर मतदाता को अपने मतदान की गोपनीयता बनाए रखना चाहिए। अपने इस मत का खुलासा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए कि उसने किस राजनीतिक दल के प्रति अपना विश्वास जताया है। सेक्शन 39 (1) में उल्लेख है कि हर निर्वाचक, जिसे नियम 38 के तहत या अन्य नियमों के तहत बैलट पेपर जारी किया गया है, उसे मतदान केंद्र के अंदर वोट की गोपनीयता बनाए रखना बेहद जरूरी है।

वोट पर दर्ज हो सकता है केस

यदि कोई वोटर सेक्शन 39 (1) के इस नियम का उल्लंघन करता है तो चुनाव अधिकारी वोटर को मतदान करने से रोक सकता है। चुनाव आयोग की ओर से मतदाताओं को सलाह दी जाती है कि वह मतदान के बाद किसी भी यह न बताएं कि उन्होंने किस राजनीतिक दल को वोट दिया है। इसके अलावा रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट, 1950 (RP Act, 1950) की धारा 128 में भी वोट की गोपनीयता बनाए रखने के बारे में उल्लेख किया गया है। यदि कोई इस नियम को तोड़ता है तो सजा का भी प्रावधान है। चुनाव की गोपनीयता भंग करने के मामले में 3 माह की कैद या जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है।