आप किसी को बयान देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते’, ED ने शख्स से की 15 घंटे पूछताछ तो सुप्रीम कोर्ट ने की खिंचाई

 आप किसी को बयान देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते’, ED ने शख्स से की 15 घंटे पूछताछ तो सुप्रीम कोर्ट ने की खिंचाई

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

ईडी की दलील को खारिज करते हुए बेंच ने पूछा कि एजेंसी बिना किसी ब्रेक के इतने लंबे समय तक पूछताछ करके किसी व्यक्ति को कैसे प्रताड़ित कर सकती है।

 

नई दिल्ली: देश में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की जांच करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की सुप्रीम कोर्ट ने खिंचाई की है। इतना ही नहीं ईडी के पूछताछ करने के तरीकों को लेकर भी चिंता जताई। एक शख्स से आधी रात बीत जाने के बाद भी लगभग 15 घंटे तक पूछताछ करने पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे अहंकारी और अमानवीय व्यवहार बताया।

 

टॉइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि एजेंसी एक व्यक्ति को बयान देने के लिए मजबूर कर रही थी और यह काफी चौंकाने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा।

 

 

ईडी ने जुलाई में पंवार को लगभग 15 घंटे तक पूछताछ करने के बाद 1.40 बजे गिरफ्ता किया था, लेकिन सितंबर में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने उनकी गिफ्तारी को रद्द कर दिया था और एजेंसी ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। ईडी की तरफ से पेश हुए वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में गलत तरीके से दर्ज किया है कि पंवार से लगातार 14 घंटे और 40 मिनट तक पूछताछ की गई और पूछताछ के दौरान उन्हें डिनर ब्रेक दिया गया।

 

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सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की खिंचाई की

ईडी की दलील को खारिज करते हुए बेंच ने पूछा कि एजेंसी बिना किसी ब्रेक के इतने लंबे समय तक पूछताछ करके किसी व्यक्ति को कैसे प्रताड़ित कर सकती है। हालांकि, कोर्ट ने यह साफ किया कि हाई कोर्ट और खुद द्वारा की गई टिप्पणियां केवल जमानत देने के मुद्दे पर थीं, न कि मामले की योग्यता पर। गौरतलब है कि अपने आदेश में हाई कोर्ट ने कहा था कि ईडी ने पंवार को नोटिस जारी किया था। वह सुबह 11 बजे गुड़गांव में ईडी के ऑफिस में पेश हुआ और उससे लगातार 1.40 बजे तक 14 घंटे और 40 मिनट तक पूछताछ की गई। यह एक इंसान की गरिमा के खिलाफ है।

 

 

 

ईडी अधिकारियों का व्यवहार पूरी तरह से अमानवीय

सुप्रीम कोर्ट ने बेंच ने कहा कि ईडी के अधिकारियों की तरफ से किया गया व्यवहार पूरी तरह से अमानवीय था। कोर्ट ने कहा कि आतंकी गतिविधि से संबंधित मामला नहीं था, बल्कि अवैध रेत खनन का मामला था व इस तरह के मामले में लोगों के साथ व्यवहार करने का यह तरीका नहीं है। कोर्ट ने कहा कि आप किसी व्यक्ति को बयान देने को मजबूर कर रहे हैं।