जिस व्यापारी के बच्चों ने राहुल गांधी को दी थी गुल्लक, उसने पत्नी सहित की खुदकुशी… पिछले दिनों घर पर पड़ी थी ईडी की रेड
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
5 दिसंबर को मनोज परमार के घर पर पड़ी थी ईडी की रेड।
परमार पर फर्जी तरीके से लोन लेने का आरोप लगा था।
कारोबारी ने सुसाइड नोट में क्या लिखा, नहीं हुआ खुलासा।
सीहोर। सीहोर जिले के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेमा परमार का शव शुक्रवार सुबह घर में फंदे पर लटका मिला है। एसडीओपी आकाश अमलकर ने इसकी पुष्टि की है। 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके घर-दफ्तर पर रेड की थी। इसके बाद से वे परेशान थे।
मौके पर टीआई रविंद्र यादव पहुंचे। घटनास्थल पर सुसाइड नोट भी मिला है। फिलहाल यह सामने नहीं आया है कि इस नोट में क्या लिखा है? वहीं घटना को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक्स हैंडल पर ईडी द्वारा परमार को परेशान करने का आरोप लगाया है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान व्यापारी के बच्चों ने राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी।
परिजन ने ईडी का मानसिक दबाव होने का लगाया आरोप
मृतक मनोज के बड़े बेटे जतिन परमार ने कहा, ‘ईडी वालों ने मानसिक तौर पर प्रेशर बनाया था। इस कारण माता-पिता ने सुसाइड किया है।’ वहीं, मनोज के भाई राजेश परमार ने बताया कि मनोज पर ईडी का मानसिक दबाव था। इससे पहले भी कार्रवाई हुई, इससे वह परेशान हो चुका था।
जीतू पटवारी पहुंच रहे हैं आष्टा
कुछ समय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी आष्टा पहुंच रहे है। इधर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर सीहोर से चिकित्सकों की टीम पोस्टमार्टम के लिए आष्टा पहुंची। आष्टा के डॉक्टर की टीम भी पोस्टमार्टम कर रही है।
जानकारी के अनुसार आष्टा के शांति नगर निवासी मनोज परमार एवं पत्नी नेमा परमार ने फांसी लगाकर अपने निवास पर आत्महत्या कर ली है। कुछ दिनों पूर्व यहां ईडी की रेड पड़ी थी। एसडीओपी आकाश अमलकर का कहना है कि घटना का कारण अज्ञात है।
ईडी की टीम ने कई दस्तावेज जब्त किए थे
फर्जी दस्तावेज लगाकर सरकारी योजना में ऋण लेकर घोटाला करने के मामले में इडी (प्रर्वतन निदेशालय) ने आष्टा के कारोबारी मनोज परमार के शांति नगर स्थित घर पांच दिसंबर को छापामार कार्रवाई की थी। ईडी की टीम ने परमार के यहां से दस्तावेज सहित अन्य सामान जब्त किए थे और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर भी कार्रवाई की थी।
6 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला
जानकारी के अनुसार साल 2017 में प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम व मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत सर्विस सेंटर, रेडिमेड कपड़े की फैक्ट्री के नाम पर बैंक से ऋण लेकर करीब 6 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला किया था। आरोपितों ने षडयंत्र पूर्वक 6 महीने के अंदर 18 लोन लिए। इसमें फर्जी दस्तावेज का उपयोग किया गया था। इसमें परमार का नाम भी शामिल था।
कार्रवाई करने पहुंची टीम ने चार ठिकानों पर मारा था छापा
बताया जाता है कि इडी की टीम ने परमार के आष्टा स्थित मकान के अलावा उसके इंदौर में चार जगह के ठिकानों पर कार्रवाई कर दस्तावेज सहित अन्य सामान जब्त किए थे। उसके करीबी के यहां से भी दस्तावेज जब्त करने की बात सामने आई थी।
परमार की हुई थी 6 करोड़ रुपये के फ्राड में गिरफ्तारी
अभी तक यह खुलासा नहीं किया गया है कि कौन-कौन सी चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए हैं और उनकी कीमत क्या है? ईडी के भोपाल जोनल कार्यालय के अनुसार, कार्रवाई द प्रोविजंस ऑफ प्रीवेंशन आफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की गई थी। मामला पंजाब नेशनल बैंक में 6 करोड़ के फ्राड से जुड़ा है। इसमें परमार की गिरफ्तारी भी की गई थी।
बीजेपी के प्रवक्ता सलूजा ने सोशल मीडिया एक्स पर यह लिखा था
ईडी की कार्रवाई के बाद बीजेपी के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा था, ‘ये वही उद्योगपति मनोज परमार है, जो रात दिन भाजपा को कोसता है, जिसने बच्चों की एक ‘गुल्लक टीम’ बनाई हुई है। ये गुल्लक टीम राहुल गांधी से लेकर कमल नाथ जी, पवन खेड़ा, भूपेश बघेल, हिमाचल के मुख्यमंत्री और अन्य बड़े कांग्रेस के नेताओ को समय-समय पर पैसों की गुल्लक भेंट करती है।’
सलूजा ने आगे लिखा था- ‘राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी ये टीम राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने पहुंची थी। खुद राहुल गांधी ने इसको ट्वीट किया था। ये गुल्लक टीम कांग्रेस का प्रचार करती है, दिनभर सोशल मीडिया पर भाजपा को कोसती है। मनोज परमार रात दिन अपनी इस गुल्लक टीम को प्रमोट करता है। इस गुल्लक टीम की आड़ में भ्रष्टाचार की कमाई का कैसा खेल खेला जा रहा था, यह आज पता चला है।’