ईडी कर रही तलाश, दुबई में प्रदीप मिश्रा की कथा में पहुंचे महादेव सट्टा एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर-रवि उप्पल
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
दुबई के ले मेरेडियन होटल एंड कॉन्फ्रेंस सेंटर एयरपोर्ट रोड गरहौद में चल रही है कथा।
देश में ईडी की कार्रवाई के डर से दुबई में छिपे बैठे हैं महादेव सट्टा एप के दोनों प्रमोटर।
ईडी की जांच के अनुसार, रोजाना करीब 200 करोड़ रुपये की काली कमाई करते धे दोनों।
रायपुर। सोशल मीडिया में महादेव ऑनलाइन सट्टा एप के मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। दोनों ही दुबई में हैं। दरअसल, वहां पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा चल रही है। इस दौरान शूट किए गए वीडियो में दोनों के दिखने के बाद ये तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगे।
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई में अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में शामिल होने पहुंचे थे। दुबई के ले मेरेडियन होटल एंड कॉन्फ्रेंस सेंटर एयरपोर्ट रोड गरहौद में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
कभी जूस की दुकान चलाता था चंद्राकर
बताते चलें कि छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला सौरभ चंद्राकर कभी जूस की दुकान चलाता था। फिर एक समय ऐसा आया, जब उसने छत्तीसगढ़ की सरकार को हिला देने वाला महादेव सट्टा एप चलाया, जिसके चलते उसने करोड़ों रुपए की काली कमाई की।
वह आज एक बड़े अंतरराष्ट्रीय सट्टेबाजी सिंडिकेट का सरगना बन गया है। उस पर 5,000 करोड़ रुपए के सट्टेबाजी रैकेट चलाने का आरोप है। इंटरपोल की तरफ से उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है।
मामले की जांच के दौरान ईडी ने दावा किया था कि इस नेटवर्क में देशभर में फैले 4,000 से ज्यादा ‘पैनल ऑपरेटर’ थे। इस धंधे से दोनों आरोपी रोजाना कम से कम 200 करोड़ रुपए कमाते थे।
टायर की दुकान चलाता था रवि उप्पल
कुछ ऐसी ही कहानी रवि उप्पल की भी है। वह भी कभी भिलाई के सुपेला दक्षिण गंगोत्री में टायर की दुकान चलाता था। नेहरू नगर में वह अपने पिता के खरीदे घर में रहता था। उसके पिता भिलाई इस्पात संयंत्र में बड़े पद से रिटायर हुए थे।
आरोप है कि सौरभ चंद्राकर का दायां हाथ माने जाने वाले रवि उप्पल ने महादेव ऐप के जरिए 6000 करोड़ का हेरफेर किया है। बताते चलें कि अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी के इस खेल की जांच में छत्तीसगढ़ पुलिस और मुंबई पुलिस के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच ईडी कर रही है।