गंदे वीडियो देखे तो घर से उठा ले जाएगी पुलिस, इस कानून के तहत खानी पड़ेगी जेल की हवा
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
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नई दिल्ली।चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कानून में इंटरनेट और डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने अश्लील कंटेंट तक लोगों की पहुंच पहले से कहीं आसान कर दी है. लेकिन, क्या आपको पता है कि अश्लील कंटेंट देखना अपराध है. सबसे बड़ी बात कि अगर आपने एक खास प्रकार के अश्लील कंटेंट को देखा तो आपको सजा भी हो सकती है. भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी आज इस पर एक खास फैसला दिया है. चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना और देखना POCSO और IT एक्ट के तहत अपराध माना जाएगा. दरअसल, CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज करते हुए ये फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई व्यक्ति चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कंटेंट डाउनलोड करता है या देखता है, तो यह अपराध नहीं माना जाएगा, जब तक कि व्यक्ति द्वारा इसे प्रसारित ना किया गया हो या प्रसारित करने की नीयत से इस तरह के कंटेंट को डाउनलोड ना किया गया हो.
भारतीय कानून क्या कहता है
भारत में अश्लील कंटेंट को लेकर कानून थोड़ा उलझा हुआ है. दरअसल, भारतीय कानूनों के अनुसार, अश्लील कंटेंट का निर्माण, वितरण और व्यापार करना अवैध है. लेकिन, जहां तक निजी तौर पर अश्लील कंटेंट देखने का सवाल है, इसे स्पष्ट रूप से गैरकानूनी घोषित नहीं किया गया है. यानी अगर आप निजी तौर पर अश्लील कंटेंट देखते हैं तो आपको जेल नहीं हो सकती. हालांकि, हर मामले में ऐसा नहीं हैं. कुछ मामलों में आपको निजी तौर पर अश्लील कंटेंट देखने पर भी जेल हो सकती है.
पहले समझिए किस धारा के तहत होती है कार्रवाई
अगर आप अश्लील कंटेंट का निर्माण, वितरण और व्यापार करते हैं तो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act, 2000) की धारा 67, 67A और आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 व 509 के तहत सजा का प्रावधान है. दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर अश्लील कंटेंट के प्रकाशन, प्रसारण और वितरण को लेकर सख्त नियम हैं.
धारा 67A के तहत अश्लील कंटेंट का प्रसारण, प्रकाशन या व्यापार करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है. इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर आपको 5 साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. वहीं अगर आप इसी तरह का अपराध दूसरी बार करते हैं तो 7 साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
इस तरह का अश्लील कंटेंट देखने पर जेल है
अगर आप ऐसा अश्लील कंटेंट देखते हैं जो बच्चों से जुड़ा हो तो आपको जेल हो सकती है. दरअसल, बच्चों से जुड़े अश्ली कंटेंट के प्रसारण, प्रकाशन या व्यापार के अलावा निजी तौर पर देखना भी अपराध है. ऐसा करने पर आपके ऊपर POCSO Act 2012 और IT Act 2000 के तहत मामला दर्ज हो सकता है. अगर आप दोषी पाए गए तो आपको 5 से 7 साल की सजा हो सकती है और आप भारी जुर्माना भी लग सकता है.