ओम बिरला ने जीत के साथ बनाया ये रिकॉर्ड, दूसरी बार अध्‍यक्ष बनने वाले बनें छठे सांसद,

 ओम बिरला ने जीत के साथ बनाया ये रिकॉर्ड, दूसरी बार अध्‍यक्ष बनने वाले बनें छठे सांसद,

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

जानें स्‍पीकर के इतिहास से जुड़ी रोचक बातें

 

 

ध्‍वनिमत से ओम बिरला को लोकसभा अध्‍यक्ष के लिए चुना गया

 

संविधान के अनुच्छेद 93 में लोकसभा अध्यक्ष का उल्लेख है

पहली लोकसभा में स्‍पीकर के पद पर हुआ था पहला चुनाव

अब तक पांच सदस्‍य दो बार बने हैं लोकसभा के अध्‍यक्ष

 

 

नई दिल्ली। ओम बिरला को आज ध्‍वनिमत से अध्‍यक्ष चुना गया। विपक्ष ने के सुरेश के नाम का प्रस्‍ताव रखा था। इसके साथ ही बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्‍यक्ष बनने वाले छठे सांसद बन गए हैं।

राहुल-अखिलेश ने भी दी बधाई

ओम बिरला के नाम ये रिकॉर्ड दर्ज

एमए अय्यंगर, डॉ. गुरदयाल सिंह ढिल्लों, डॉ. नीलम संजीव रेड्डी, डॉ. बलराम जाखड़ और गंती मोहन चंद्र बालयोगी ऐसे लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं, जो दो बार इस पद पर रहे हैं। इनमें से सर्वाधिक लंबा कार्यकाल डॉ. बलराम जाखड़ का रहा है। वे 1980 से लेकर 1985 और इसके बाद 1989 तक लोकसभा के अध्यक्ष रहे हैं।

ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष बनने के साथ ही दूसरी बार स्पीकर बनने वाले छठें सांसद बन गए हैं। इसके साथ ही 18वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा करते ही बलराम जाखड़ के भी सबसे लंबे कार्यकाल के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे।

दो बार लाेकसभा अध्‍यक्ष बनने वाले सांसद

एमए अय्यंगर

11 मई 1957 – 16 अप्रैल 1962

8 मार्च 1956 – 10 मई 1957

डॉ. गुरदयाल सिंह ढिल्लों

22 मार्च 1971-1 दिसम्बर 1975

 

08 अगस्त 1969-17 मार्च 1971

डॉ. नीलम संजीव रेड्डी

26 मार्च 1977-13 जुलाई 1977

 

17 मार्च 1967-19 जुलाई 1969

डॉ. बलराम जाखड़

16 जनवरी 1985-18 दिसम्बर 1989

22 जनवरी 1980 -15 जनवरी 1985

गंती मोहन चंद्र बालयोगी

22 अक्टूबर 1999 – 03 मार्च 2002

24 मार्च 1998 – 19 अक्टूबर 1999

इससे पहले कब हुए चुनाव

लोकसभा अध्यक्ष के लिए इससे पहले दो बार वोटिंग हो चुकी है। एक बार 1952 में पहली लोकसभा में तो दूसरी बार 1976 में चुनाव के जरिए स्पीकर चुना गया था।

 

 

1952 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा के पूर्व सदस्‍य गणेश वासुदेव मावलंकर के नाम का प्रस्ताव रखा था। लेकिन कम्युनिस्ट आंदोलन के संस्थापक एके गोपालन ने शांताराम मोरे का नाम प्रस्तावित किया। इसके बाद हुए चुनाव में मावलंकर को 394 वोटों मिले और वे लोकसभा के अध्‍यक्ष चुने गए।

 

1976 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकसभा स्‍पीकर के लिए बलिराम भगत के नाम का प्रस्ताव रखा, लेकिन सांसद पी एम मेहता ने जगन्नाथ राव जोशी के नाम का प्रस्तावित किया। भगत के पक्ष में 344 वोट आए और वे लोकसभा अध्यक्ष बनें।

 

 

अब तक के लोकसभा अध्यक्ष

 

गणेश वासुदेव मावलंकर

एमए अयंगार

डॉ. गुरदयाल सिंह ढिल्लों

डॉ. नीलम संजीव रेड्डी

बलि राम भगत

के.एस. हेगडे

डॉ. बलराम जाखड़

रबी राय

शिवराज वी. पाटिल

पूर्णो अगिटोक संगमा

गंती मोहन चंद्र बालयोगी

मनोहर जोशी

सोमनाथ चटर्जी

मीरा कुमार

सुमित्रा महाजन

ओम बिरला