BJP ने RSS को कर दिया किनारे, खराब हो गए हैं दोनों के रिश्ते’, कांग्रेस नेता उदित राज का बड़ा बयान

 BJP ने RSS को कर दिया किनारे, खराब हो गए हैं दोनों के रिश्ते’, कांग्रेस नेता उदित राज का बड़ा बयान

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

 

 

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई है. चुनाव से पहले बीजेपी के नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से दूरी बनाना शुरू कर दिया था. माना गया कि इसकी वजह से बीजेपी 240 सीटों पर सिमट गई. वहीं, अब कांग्रेस नेता उदित राज ने भी दावा कर दिया है कि आरएसएस और बीजेपी के बीच अब पहले वाली बात नहीं रही है. दोनों के रिश्ते बिगड़ गए हैं.

उदित राज ने शुक्रवार (14 जून) को कहा है कि आरएसएस और बीजेपी के रिश्ते खराब हो गए हैं. बीजेपी ने आरएसएस को किनारे कर दिया है. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि एक इंटरव्यू के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि आरएसएस के एक सामाजिक संगठन है, जबकि बीजेपी राजनीतिक दल है. अब हम आगे बढ़ चुके हैं. पहले से ज्यादा सक्षम हो चुके हैं. ऐसे में अब आरएसएस की जरूरत उतनी नहीं है.

आरएसएस ने चुनावी हार पर बीजेपी पर साधा निशाना

 

वहीं, बीजेपी को मिली हार के बाद आरएसएस के उच्च पदाधिकारी भी लगातार पार्टी पर तंज कस रहे हैं. आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने गुरुवार (13 जून) को कहा कि राम की पूजा करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई, इसलिए भले ही वह 2024 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनी है. मगर उसे अकेले पूर्ण बहुमत से जो सत्ता मिलनी थी, वो उसे भगवान राम ने अहंकार की वजह से नहीं दी. हालांकि, इस दौरान उन्होंने बीजेपी का नाम नहीं लिया, मगर 240 सीटों के साथ वही सबसे बड़ी पार्टी है.

बीजेपी के साथ-साथ इंद्रेश कुमार ने इंडिया गठबंधन को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि राम का विरोध करने वाले किसी भी दल को सत्ता नहीं मिली है. सभी को मिलाकर भी वो दूसरे नंबर पर ही खड़े रहे हैं. भगवान का न्याय बड़ा सत्य और आनंददायक है. आरएसएस नेता ने कहा कि भक्ति करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई, उसे 241 पर ही भगवान ने रोक दिया, लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया और जिनकी राम में आस्था नहीं थी, उन सबको मिलकर भगवान ने 234 पर रोक दिया.

 

आरएसएस प्रमुख ने भी किया था बीजेपी के अहंकार का जिक्र

 

इंद्रेश कुमार से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी बीजेपी पर बिना नाम लिए निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जिसको वास्तविक सेवक कहा जाता है, वह हमेशा मर्यादा में चलता है. एक सच्चे सेवक में अहंकार नहीं होता और वह गरिमा बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है. नागपुर में एक कार्यक्रम में पहुंचे संघ प्रमुख ने कहा कि सच्चा सेवक कर्म करता है, लेकिन कर्मों में लिपटा नहीं होता है. उसमें अहंकार नहीं आता है कि मैंने इसे किया है. वही सेवक कहलाने का अधिकारी होता है.