2 पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और दिग्विजय सिंह मैदान में, एक पदयात्रा और दूसरे कर रहे रेल यात्रा

 2 पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और दिग्विजय सिंह मैदान में, एक पदयात्रा और दूसरे कर रहे रेल यात्रा

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

 

शिवराज और दिग्विजय दोनों ही चुनावी तैयारी में आगे निकल गए हैं।

दिग्विजय का मुकाबला भाजपा के रोडमल नागर से है, जो दो बार से सांसद हैं।

विदिशा में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कांग्रेस ने प्रतापभानू शर्मा पर दांव लगाया है।

 

 

भोपाल। मध्य भारत अंचल में आने वाली भोपाल, विदिशा, होशंगाबाद, बैतूल और राजगढ़ में दो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और दिग्विजय सिंह की उपस्थिति ने लोकसभा चुनाव को रोचक बना दिया है। भाजपा ने जहां शिवराज को लगभग 20 वर्ष बाद विदिशा और कांग्रेस ने 33 वर्ष बाद दिग्गी राजा को राजगढ़ से लोकसभा चुनाव के मैदान में उतारा है। इनमें से होशंगाबाद और बैतूल में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है तो मध्य भारत की तीन सीटों में सात मई को वोट डाले जाएंगे।

 

फिलहाल शिवराज और दिग्विजय दोनों ही चुनावी तैयारी में आगे निकल गए हैं। दिग्विजय, इन दिनों अपनी राजगढ़ सीट में पदयात्रा कर रहे हैं तो शिवराज ट्रेन से और सड़क मार्ग से अपने क्षेत्र में प्रचार पर पहुंच रहे हैं।दोनों ही मुख्यमंत्री बनने के बाद से अपने गृहक्षेत्र की लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़े थे, यही वजह है कि शिवराज और दिग्विजय दोनों ही चुनाव में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

 

शिवराज ने विदिशा को बनाया हाईप्रोफाइल सीट

 

 

विदिशा लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से मध्य भारत प्रांत की यह सीट देशभर में चर्चित हो गई है। चौहान यहां से पांचवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। 1991 में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर इस्तीफा दिया, तो उपचुनाव जीतकर शिवराज सिंह चौहान पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद चौहान 1996, 1998, 1999 में भी सांसद बने।

 

वर्ष 2005 में पहली बार वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वर्ष 2018 तक लगातार सीएम रहने के बाद 15 महीने विपक्ष में भी रहे। फिलहाल शिवराज प्रतिदिन अपनी सीट के अलग-अलग क्षेत्र में जाकर लोगों के बीच प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने आठ लाख वोट से जीत का लक्ष्य रखा है। पिछले लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत छह लाख 89 हजार की रही है।

 

चौहान के खिलाफ कांग्रेस ने प्रतापभानू शर्मा पर दांव लगाया है। शर्मा की मौजूदगी ने कांग्रेस को वजनदार प्रत्याशी तो दिया, पर पूर्व विधायक शशांक भार्गव जैसे नेताओं का कांग्रेस छोड़ने से झटका भी लगा है। इधर, शिवराज की पत्नी साधना सिंह और बेटा कार्तिकेय भी चुनाव प्रचार में मदद कर रहे हैं।

राजगढ़ में ‘दिग्गी राजा’ की घेराबंदी

राजगढ़ में दिग्विजय सिंह एक बार फिर लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं। राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल बाकी होने के बाद भी पार्टी नेतृत्व ने दिग्विजय को राजगढ़ से चुनाव लड़ाया है। दिग्विजय का मुकाबला भाजपा के रोडमल नागर से है, जो दो बार से सांसद हैं।

प्रदेश की इस सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है। दिग्गी राजा ने भी प्रचार आरंभ कर दिया है। वे उन क्षेत्रों में पदयात्रा कर रहे हैं, दिग्विजय प्रदेश में दस वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे हैं। इस दौरान राजगढ़ में उनके द्वारा कई बड़े विकास कार्य कराए गए। यही वजह है कि इस चुनाव में कांग्रेस द्वारा भाजपा को बराबरी से टक्कर दी जा रही है।