दो घंटे तक इंतजार, CM इस्तीफा देने को तैयार… एक मांग पर फिर अटकी ममता बनर्जी और हड़ताली डॉक्टरों की मुलाकात
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
नबन्ना के कॉन्फ्रेंस हॉल में होने वाली मीटिंग के लिए ममता बनर्जी दो घंटे तक डॉक्टरों का इंतजार करती रहीं, लेकिन बातचीत की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर डॉक्टर अड़े रहे और कॉन्फ्रेंस हॉल में जाने से इनकार कर दिया. इसके बाद देर शाम मीटिंग कैंसिल हो गई. उधर, बंगाल गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा कि वह सीएम ममता बनर्जी का सामाजिक बहिष्कार करेंगे.
कोलकाता ।कोलकाता कांड के बाद से हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों और ममता सरकार के बीच मीटिंग गुरुवार को भी नहीं हो सकी. नबन्ना के कॉन्फ्रेंस हॉल में होने वाली मीटिंग के लिए ममता बनर्जी दो घंटे तक डॉक्टरों का इंतजार करती रहीं, लेकिन बातचीत की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर डॉक्टर अड़े रहे और कॉन्फ्रेंस हॉल में जाने से इनकार कर दिया. इसके बाद देर शाम मीटिंग कैंसिल हो गई. उधर, बंगाल गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा कि वह सीएम ममता बनर्जी का सामाजिक बहिष्कार करेंगे.
दरअसल, आंदोलनकारी डॉक्टरों के आने का लगभग दो घंटे तक इंतजार करने के बाद ममता बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वह भी चाहती हैं कि पीड़िता को न्याय मिले और उन्होंने गतिरोध जारी रहने के लिए पश्चिम बंगाल के लोगों से माफी मांगी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह लोगों की खातिर इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. इससे पहले कॉन्फ्रेंस हॉल का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें ममता बनर्जी खाली कुर्सियों के बीच जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल का इंतजार करती दिखीं.
ममता सरकार ने तीसरी बार डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया था. सरकार ने मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति की डॉक्टरों की मांग को स्वीकार कर लिया था, लेकिन मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग करने की उनकी शर्त को खारिज कर दिया और प्रदर्शन कर रहे 30 डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल की जगह सिर्फ 15 की अनुमित देने का फैसला किया. हालांकि मुख्य सचिव ने कहा कि गुरुवार को 15 की जगह 32 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल मीटिंग के लिए पहुंचा था, जिन्हें अनुमति भी दे दी गई. लेकिन डॉक्टर लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर अड़ गए और कॉन्फ्रेंस हॉल के अंदर नहीं गए.
ममता ने हाथ जोड़कर लोगों से माफी मांगी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने गतिरोध के लिए हाथ जोड़कर बंगाल के लोगों से माफ़ी मांगी और डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि हमने डॉक्टरों के साथ बैठक के लिए 2 घंटे तक इंतजार किया. हमने देखा कि उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. हमने उनसे बातचीत के लिए खुले दिमाग से आने को कहा था. बातचीत होने पर ही समाधान हो सकता है. इससे पहले एक अन्य अवसर पर मैंने बातचीत में शामिल होने के लिए इंतजार किया था. कोई बात नहीं, मैं उन्हें माफ करती हूं क्योंकि वे बहुत छोटे हैं. हमारे पास बैठक को रिकॉर्ड करने की पूरी व्यवस्था थी. प्रक्रिया की पारदर्शिता और सटीक दस्तावेज़ीकरण के लिए और हम सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के साथ रिकॉर्डिंग साझा करने के लिए भी तैयार थे.
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दूंगी कि जब भी वे तैयार हों, डॉक्टरों के साथ मीटिंग करें. मुझे पता है कि अधिकांश डॉक्टर इस मीटिंग में रुचि रखते थे, लेकिन हमें पता चला है कि कुछ मुट्ठी भर लोग गतिरोध पैदा करना चाहते हैं. फिर भी हम ESMA लागू नहीं करना चाहते.
‘मुझे सीएम की कुर्सी नहीं चाहिए’
सीएम ने कहा कि जब मामला विचाराधीन हो तो हम इस तरह मामले के बारीक विवरणों पर चर्चा नहीं कर सकते. इसलिए हमारे पास कार्यवाही को रिकॉर्ड करने की सुविधा थी. मैंने तय किया था कि हम मृतक पीड़िता और सीताराम येचुरी की याद में एक प्रस्ताव पारित करेंगे जो आज हमें छोड़कर चले गए. हम भी न्याय चाहते हैं लेकिन मामला अब हमारे पास नहीं है बल्कि सीबीआई के पास है. हम लाइव टेलीकास्ट के बारे में भी खुले दिमाग से सोचते हैं लेकिन मामला विचाराधीन होने के कारण कुछ कानूनी बाध्यताए हैं.
उन्होंने कहा कि मैं आम लोगों के लिए न्याय की खातिर कुर्सी छोड़ने को भी तैयार हूं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं चाहिए, उन्हें सिर्फ कुर्सी चाहिए. मुझे सीएम की कुर्सी नहीं चाहिए, बल्कि पीड़िता के लिए न्याय चाहिए.
हम संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते थे: ममता बनर्जी
उन्होंने कहा कि मैं आंदोलन का सम्मान करती हूं. मैं 26 दिनों तक भूख हड़ताल पर बैठी रही, लेकिन वाम मोर्चा सरकार का कोई भी मंत्री बातचीत के लिए नहीं आया. मैं आम लोगों के लिए न्याय की खातिर इस्तीफा देने को भी तैयार हूं, लेकिन वे न्याय नहीं चाहते, उन्हें सिर्फ कुर्सी चाहिए. वे मीटिंग में इस मुद्दे को उठा सकते थे. वे उसके बाद प्रेस से मिल सकते थे और हम एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते थे. हमें डॉक्टरों और मरीजों के हित में एक खुली बातचीत की उम्मीद थी. मैं फिर से कह रही हूं कि हम उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. हमने 15 डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल बुलाया था, लेकिन वे 34 डॉक्टरों के साथ आए और फिर भी हमने मीटिंग करने का फैसला किया. लेकिन फिर भी उन्होंने मीटिंग हॉल में प्रवेश करने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि हमने मीटिंग को सुविधाजनक बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अन्य शीर्ष अधिकारियों को नहीं बुलाया. पिछले एक महीने में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं की कमी के कारण 27 मरीज़ों की मौत हो गई है. हाल ही में आरजी कर में एक दुर्घटना के मरीज़ की बिना इलाज के मौत हो गई, उसकी मां का क्या? उसके परिवार का क्या हुआ? मेरा दिल सभी के लिए रोता है. डॉक्टर भगवान की तरह होते हैं. वे जान बचाते हैं. और कुछ अन्य सेवाओं की तरह वे भी आपातकालीन सेवा हैं.
बंगाल गवर्नर ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना
गवर्नर सीवी आनंद बॉस ने बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मैं भारत के संविधान के प्रति प्रतिबद्ध हूं. मैं बंगाल के लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हूं. न्याय के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हूं. मेरी आकलन में सरकार अपने कर्तव्य में विफल रही है. माता-पिता और समाज की भावनाओं को शांत करने के लिए कर्तव्य में गृहमंत्री कानून और व्यवस्था बनाए रखने में विफल हुए हैं. राज्य में कानून का शासन सुनिश्चित करने में विफल हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्री बुरी तरह विफल हुए हैं. यह विडम्बना है कि स्वास्थ्य मंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री सुरक्षा करने के बजाय विरोध कर रहे हैं. आप कुछ लोगों को हमेशा के लिए और सभी लोगों को कुछ समय के लिए मूर्ख बना सकते है. सभी लोगों को हमेशा के लिए मूर्ख नहीं बना सकते.