अस्पतालों की सिक्योरिटी 25% बढ़ी, पॉलीग्राफी टेस्ट से खुलेगा जुर्म का असली राज, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट्स
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ की गई बर्बरता को लेकर देशभर में गुस्सा है. डॉक्टर्स का प्रदर्शन पिछले एक हफ्ते से ज्यादा समय से चल रहा है. कोलकाता, दिल्ली, मुंबई समेत सभी बड़े शहरों में डॉक्टर्स सड़कों पर उतरकर पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. आम लोगों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया है और आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कोलकाता रेप-मर्डर मामले में लेटेस्ट अपडेट्स क्या हैं.
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार (20 अगस्त) को कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई करने वाला है. उसने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है. कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के मुताबिक, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ इस पर सुनवाई करेगी. ये सुनवाई सुबह साढ़े 10 बजे हो सकती है.
कोलकाता मामले के स्वतः संज्ञान लिए जाने पर वकील सत्यम सिंह ने कहा, “फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स ऑफ डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) ने कोर्ट में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया. FORDA ने कोर्ट से हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के लिए एक गाइडलाइंस जारी करने की मांग की है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों को तैनात करने की भी मांग की गई है.”
आरोपी संजय रॉय की सास ने उसे फांसी की सजा देने की मांग की है. उन्होंने कहा, “उसके साथ मेरे रिश्ते काफी तनावपूर्ण थे. मेरी बेटी और उसकी शादी दो साल तक चली. मेरी बेटी के साथ उसकी दूसरी शादी थी. शुरुआत में छह महीने तक सबकुछ ठीक था. जब वह 3 महीने की गर्भवती थी, तो उसने गर्भपात करा दिया. उसने मारपीट भी की.”
आरोपी की सास ने बताया, “मारपीट को लेकर पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई. इसके बाद, मेरी बेटी लगातार बीमार रहने लगी, मैंने उसकी दवाइयों का सारा खर्च उठाया. संजय की हालत ठीक नहीं थी. उसे फांसी दी जा या उसके साथ जो किया जाए, मैं कुछ नहीं बोलूंगी. उसके पास इस काम को अकेले करने की क्षमता नहीं है.”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी केंद्र सरकार के अस्पतालों में सुरक्षा तैनाती 25 प्रतिशत बढ़ाने का आदेश दिया है. सरकारी अस्पतालों के जरिए अपना सुरक्षा आंकलन करने के बाद अगर वे सिक्योरिटी बढ़ाने की मांग करते हैं तो वहां पर मार्शलों की तैनाती को भी मंजूरी दी जाएगी. उन्हें ये सुविधा स्टैंडर्ड सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के अलावा मिलेगी.
रेजिडेंट डॉक्टर्स के लिए अस्पतालों में सुरक्षा और सुविधाओं जैसे ड्यूटी रूम, काम के घंटे एवं शर्तें और कैंटीन सेवाओं के विभिन्न पहलुओं को देखने के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी. इसका काम उन सभी पहलुओं की जांच करना है, जो डॉक्टर्स के लिए जरूरी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी केंद्र सरकार के सरकारी अस्पतालों में लागू किए जाने वाले सुरक्षा उपायों की लिस्ट जारी की है. इसकी जानकारी सभी अस्पताल प्रमुखों को दी गई है. इसमें बताया है कि अगर रात में महिला हेल्थकेयर वर्कर की तैनाती होती है तो उनकी संख्या एक से ज्यादा होनी चाहिए.
अगर कोई महिला डॉक्टर या हेल्थकेयर वर्कर रात में अस्पताल में कहीं भी जाती है तो उसके साथ किसी गार्ड को भेजा जाए. रात में ड्यूटी के लिए महिलाओं को ट्रांसपोर्ट मुहैया कराना होगा. अस्पताल के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स की लगातार निगरानी की जानी चाहिए. अस्पताल में आने वाले व्यक्ति की जांच भी की जाए.
एंट्री-एग्जिट वाले दरवाजे, गलियारों, अंधेरे स्थानों और संवेदनशील क्षेत्रों सहित रणनीतिक स्थानों पर पर्याप्त संख्या में हाई रिजॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएं. एक कंट्रोल रूम का गठन किया जाए, जो आपातकालीन हालात में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की मदद करे.
सीबीआई को आरोपी संजय रॉय की पॉलीग्राफी टेस्ट की इजाजत मिल चुकी है. एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी के बयानों में विरोधाभास देखने को मिल रहा था. हमने कोर्ट से पॉलीग्राफी टेस्ट करने की इजाजत मांगी थी, जो हमें मिल गई है. इसके जरिए आरोपी से केस से जुड़ी अहम जानकारी मिल सकती है.