सिर्फ भद्रा ही नहीं, रक्षाबंधन पर पड़ेगा पंचक का भी प्रभाव… नोट कर लें शुभ मुहूर्त

 सिर्फ भद्रा ही नहीं, रक्षाबंधन पर पड़ेगा पंचक का भी प्रभाव… नोट कर लें शुभ मुहूर्त

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

 

भद्राकाल 19 अगस्त को 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

तरह-तरह की राखियों से दुकानें सज चुकी हैं।

 

रक्षाबंधन पर रात के समय पंचक भी लग रहे हैं।

इस दौरान रक्षाबंधन पर्व नहीं मनाना चाहिए।।

 

 

नई दिल्ली।: हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों को राखी बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं, भाई भी अपनी बहनों को रक्षा करने का वचन देते हैं। इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त, सोमवार को मनाया जाने वाला है।

 

अभी से इस त्योहार को लेकर बाजारों में धूम देखने को मिल रही है। तरह-तरह की राखियों से दुकानें सज चुकी हैं। इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहने वाला है। साथ ही इस दिन पंचक का भी प्रभाव होगा। ऐसे में इस दिन किस मुहूर्त में आपको राखी बांधनी चाहिए, आइए इस बारे में जानते हैं।

 

रक्षाबंधन पर भद्रा का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक भद्रा काल रहने वाला है। इसका प्रभाव 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस दौरान रक्षाबंधन पर्व नहीं मनाना चाहिए। माना जाता है कि भद्राकाल में कोई भी शुभ कार्य करने से उसके अशुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।

 

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है?

19 अगस्त, सोमवार के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 30 मिनट के बाद ही रहेगा। इसके बाद से लेकर आप रात्रि 8 बजकर 12 मिनट तक राखी बांध सकते हैं।

इस बार रक्षाबंधन पर सावन का अंतिम सोमवार पड़ने जा रहा है। ऐसे में यह दिन काफी खास रहने वाला है। इस दिन शोभन और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनने वाला है।

 

 

रक्षाबंधन पर पंचक का प्रभाव

रक्षाबंधन के दिन पंचक भी लग रहे हैं। सावन पूर्णिमा पर रात 8.12 बजे से चंद्रमा कुंभ राशि में जा रहे है। इसी समय से पंचक शुरू होंगे। ज्योतिषियों का कहना है कि ये पंचक नुकसानदायक नहीं होंगे, लेकिन शुभ मुहूर्त देखकर ही रक्षाबंधन मनाएं। 19 अगस्त को सुबह श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र लग जाएगा। ऐसे में यह राज पंचक होंगे।

 

डिसक्लेमर

 

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’