वंदे भारत की तरह बनेंगी एक्सप्रेस ट्रेन, 130 KM की स्पीड से फर्राटा भरेंगी रेलें; चंद घंटों में तय होगा मीलों का सफर
वंदे भारत की तरह बनेंगी एक्सप्रेस ट्रेन, 130 KM की स्पीड से फर्राटा भरेंगी रेलें; चंद घंटों में तय होगा मीलों का सफर
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान
रायपुर। गोंदिया से रायपुर तक चौथी रेलवे लाइन का काम जोरों पर चल रहा है। इसके लिए खारुन नदी पर नया रेलवे पुल बनाया जाएगा, जिसके लिए चंदनीडीह में पुराने रेलवे पुल के पास बोरिंग मशीन लगाकर भू तकनीक जांच की जा रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि पिलर खड़ा करने के लिए कहां तक जमीन में खोदाई की जा सकती है।
ट्रेनों की रफ्तार 130 KM करने पर जुटा प्रशासन
रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने का काम पिछले तीन वर्षों से तीनों रेल मंडलों में चल रहा है। वहीं, गोंदिया से झारसुगुड़ा के बीच मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार 130 किलो मीटर प्रति घंटे करने की कवायद में रेलवे प्रशासन जुटा हुआ है, ताकि रायपुर से होकर झारसुगड़ा जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार वंदे भारत की तरह किया जा सके। इस रूट पर पिछले तीन सालों से रेलवे ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है।
परिचालन संरक्षा से जुडे बिंदुओं पर जारी है काम
रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि गोंदिया-झारसुगड़ा तीसरी और चौथी लाइन का इंटरलाकिंग, विद्युतीकरण पूरा कराने पर जोरशोर से काम हो रहा है। इस चौथी नई लाइन का ईब से झारसुगुड़ा तक मोटर ट्राली से परीक्षण, स्पीड ट्रायल किया जा चुका है। एसई सर्कल के सेफ्टी आयुक्त ने इस नई लाइन के निर्माण की रफ्तार बढ़ाने को कहा है। फिलहाल इंटरलाकिंग, क्रासिंग, प्वाइंट, कर्व, ओएचई लाइन, सिग्नलिंग उपकरण के साथ ही परिचालन संरक्षा से जुडे बिंदुओं पर काम जारी है।
लेटलतीफी और आउटर में ट्रेनें नहीं होंगी खड़ी
गोंदिया से झारसुगुडा व्यस्त रेल मार्ग है। मालगाड़ियों के परिचालन के कारण एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों के मुसाफिर हर दिन घंटों इंतजार करने को विवश हैं। चौथी लाइन का काम पूरा होने से जहां ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, वहीं मालगाड़ियों के चलने से दबाव भी कम होगा। बिना किसी रोक-टोक की ट्रेनें बिलासपुर से रायगढ़ तक समय पर पहुंचेंगी। इससे ट्रेनों को आउटर में खड़ी करने के साथ ही लेटलतीफी से भी यात्रियों को निजात मिलेगी।
तार ब्लॉक से बदली पटरी की क्षमता
आम तौर पर रेल पटरी का परीक्षण ट्रेनों को 130 किमी के रफ्तार से चलाकर किया जाता है। हालांकि उस स्पीड से हमेशा ट्रेनों का परिचालन नहीं होता है, इसीलिए रायपुर से बिलासपुर की दूरी महज 110 किलोमीटर होने के बावजूद लोकल ट्रेनें तीन से चार घंटे का समय लेती हैं और मेल और एक्सप्रेस दो घंटे में पहुंचती हैं। अब सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन मुख्य रेल लाइन के अलावा रायपुर-वाल्टियर और कटनी रेल लाइन पर करने की तैयारी है। वाल्टीयर लाइन दोहरी हो रही है और कटनी तक तीसरी लाइन और झारसुगुड़ा तरफ चौथी लाइन तैयार होने को है।
वंदे भारत की तरह बनेंगी एक्सप्रेस ट्रेन, 130 KM की स्पीड से फर्राटा भरेंगी रेलें; चंद घंटों में तय होगा मीलों का सफर
रायपुर। गोंदिया से रायपुर तक चौथी रेलवे लाइन का काम जोरों पर चल रहा है। इसके लिए खारुन नदी पर नया रेलवे पुल बनाया जाएगा, जिसके लिए चंदनीडीह में पुराने रेलवे पुल के पास बोरिंग मशीन लगाकर भू तकनीक जांच की जा रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि पिलर खड़ा करने के लिए कहां तक जमीन में खोदाई की जा सकती है।
ट्रेनों की रफ्तार 130 KM करने पर जुटा प्रशासन
रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने का काम पिछले तीन वर्षों से तीनों रेल मंडलों में चल रहा है। वहीं, गोंदिया से झारसुगुड़ा के बीच मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार 130 किलो मीटर प्रति घंटे करने की कवायद में रेलवे प्रशासन जुटा हुआ है, ताकि रायपुर से होकर झारसुगड़ा जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार वंदे भारत की तरह किया जा सके। इस रूट पर पिछले तीन सालों से रेलवे ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है।
परिचालन संरक्षा से जुडे बिंदुओं पर जारी है काम
रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि गोंदिया-झारसुगड़ा तीसरी और चौथी लाइन का इंटरलाकिंग, विद्युतीकरण पूरा कराने पर जोरशोर से काम हो रहा है। इस चौथी नई लाइन का ईब से झारसुगुड़ा तक मोटर ट्राली से परीक्षण, स्पीड ट्रायल किया जा चुका है। एसई सर्कल के सेफ्टी आयुक्त ने इस नई लाइन के निर्माण की रफ्तार बढ़ाने को कहा है। फिलहाल इंटरलाकिंग, क्रासिंग, प्वाइंट, कर्व, ओएचई लाइन, सिग्नलिंग उपकरण के साथ ही परिचालन संरक्षा से जुडे बिंदुओं पर काम जारी है।
लेटलतीफी और आउटर में ट्रेनें नहीं होंगी खड़ी
गोंदिया से झारसुगुडा व्यस्त रेल मार्ग है। मालगाड़ियों के परिचालन के कारण एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों के मुसाफिर हर दिन घंटों इंतजार करने को विवश हैं। चौथी लाइन का काम पूरा होने से जहां ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, वहीं मालगाड़ियों के चलने से दबाव भी कम होगा। बिना किसी रोक-टोक की ट्रेनें बिलासपुर से रायगढ़ तक समय पर पहुंचेंगी। इससे ट्रेनों को आउटर में खड़ी करने के साथ ही लेटलतीफी से भी यात्रियों को निजात मिलेगी।
- तार ब्लॉक से बदली पटरी की क्षमता
आम तौर पर रेल पटरी का परीक्षण ट्रेनों को 130 किमी के रफ्तार से चलाकर किया जाता है। हालांकि उस स्पीड से हमेशा ट्रेनों का परिचालन नहीं होता है, इसीलिए रायपुर से बिलासपुर की दूरी महज 110 किलोमीटर होने के बावजूद लोकल ट्रेनें तीन से चार घंटे का समय लेती हैं और मेल और एक्सप्रेस दो घंटे में पहुंचती हैं। अब सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन मुख्य रेल लाइन के अलावा रायपुर-वाल्टियर और कटनी रेल लाइन पर करने की तैयारी है। वाल्टीयर लाइन दोहरी हो रही है और कटनी तक तीसरी लाइन और झारसुगुड़ा तरफ चौथी लाइन तैयार होने को है।