दंतेवाड़ा में स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल, अस्पताल के गेट पर लगा था ताला, महिला ने एंबुलेंस में ही दिया बच्‍चे को जन्म

 दंतेवाड़ा में स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल, अस्पताल के गेट पर लगा था ताला, महिला ने एंबुलेंस में ही दिया बच्‍चे को जन्म

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

108 में गूंजी किलकारी

102 डायल करने पर नहीं मिली एंबुलेंस की सुविधा।
तुमनार उप स्वास्थ्य केंद्र का मेन गेट मिला बंद।
ईएमटी, पायलट ने मितानिन के साथ मिलकर कराई डिलीवरी।

 

दंतेवाड़ा। छत्‍तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था किस कदर बदहाल है इसके नमूने आये दिन समाचारों की सुर्खियां बनते रहते हैं। ताजा मामला गुमलनार पटेलपारा का है, जहां प्रसव पीड़िता पूंगार अटामी को प्रसव पीड़ा होने पर घरवालों ने 102 को डायल किया लेकिन फिर भी एंबुलेंस नहीं भेजा गया, बल्कि उन्हें 112 में कॉल करने की सलाह दी गई।
गर्भवती की हालत बिगड़ते देख संजीवनी 108 को कॉल किया गया। लगभग आधे घंटे में यह टीम मितानिन सहित पहुंच गई। इसके बाद टीम ने गर्भवती महिला को तुमनार उप स्वास्थ्य केंद्र रात एक बजे पहुंचाया। लेकिन उस वक्त स्वास्थ्य केंद्र का मेन गेट बंद मिला और कोई भी कर्मचारी वहां मौजूद नहीं था।

ईएमटी, पायलट ने मितानिन के साथ मिलकर कराई महिला की डिलीवरी

आखिरकार 108 में मौजूद ईएमटी रविंद्र कुमार, पायलट अशोक सिंह ठाकुर, मितानिन और गर्भवती महिला के पति घासीराम व सास-ससुर ने मिलकर संजीवनी 108 एंबुलेंस में ही नार्मल डिलीवरी करवाई। गनीमत रही कि कोई भी अप्रिय स्थिति नहीं हुई।
लेकिन सवाल यह उठता है कि आपातकाल के दौरान ही इन सेवाओं की जरूरत पड़ती है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि इन सेवाओं के प्रति स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी लापरवाह होते हैं और व्यवस्था में बड़ी खामियां देखी जाती है। बहरहाल, जिले में नए सीएमएचओ की पदस्थापना के बाद व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जरुर जागी है, लेकिन अब भी लगातार स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं।