पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मेडिकल रेजिडेंट डाक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और फिर हत्या के मामला छत्तीसगढ़ में गर्ममाया बिलासपुर आइएमए की आज हड़ताल, ओपीडी भी 24 घंटे बंद
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
बिलासपुर: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मेडिकल रेजिडेंट डाक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और फिर हत्या के मामले में पूरे देश में उबाल है। इसकी आंच बिलासपुर तक भी पहुंच गई है। आइएमए बिलासपुर की ओर से शनिवार को 24 घंटे की हड़ताल का फैसला किया गया है। इस अवधि में चिकित्सक आपतकालीन सेवाओं को छोड़ किसी भी तरह की चिकित्सा सेवा नहीं देंगे। ओपीडी का संचालन भी नहीं किया जाएगा।
कोलकाता की घटना ने कार्यरत चिकित्सकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा की मांग व डाक्टरों पर हमला करने वालों को कड़ी सजा मिले इसे लेकर प्रदेशभर के डाक्टर शनिवार को हड़ताल पर रहेंगे। आईएमए बिलासपुर व अन्य चिकित्सकों ने शनिवार को आयोजित बंद को अपना समर्थन दिया है। शुक्रवार को प्रेसक्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में प्रमुख पदाधिकारियों ने बताया कि शनिवार को आपातकालीन को छोड़ अन्य मेडिकल सुविधाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी।
डाक्टरों की मांग है कि मेडिकल संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ ही ऐसा कानून बनाएं, जिससे भविष्य में ऐसी घटना न घटित हो। हास्पिटल में कार्यरत कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार, मारपीट या फिर हास्पिटल में तोड़फोड़ करने वालो पर कार्रवाई करने का नियम अनिवार्य हो। डाक्टरों से मारपीट या अभद्र व्यवहार करने वाले आरोपितों को लगभग सात साल की सजा का प्रविधान होना चाहिए। अपनी मांग पूरी नहीं होने पर आईएमए के डाक्टरों का कहना है कि वह आगे उग्र आंदोलन करेंगे। प्रेस क्रांफेंस में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. विनोद तिवारी, बिलासपुर अध्यक्ष डा. अखिलेश देवरस, प्रदेश प्रवक्ता डा. संदीप तिवारी, डा. प्रशांत द्विवेदी, डा. सौरभ लूथरा, डा. नितिन जुनेजा, डा. हेमंत चटर्जी, डा. प्रमोद तिवारी व सीएमएचओ डा. प्रभात श्रीवास्तव मौजूद रहे।
पांच मांगें जल्द होनी चाहिए पूरी
पांच मांगों में घटना की सीबीआइ जांच जल्द पूरी हो, दोषियों को कड़ी सजा व पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिले, हास्पिटलों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए, एनएमसी को मेडिकल अस्पतालों रेसिडेंट डाक्टर्स के लिए सुरक्षित व मानवीय कार्य वातावरण के लिए दिशा-निर्देश तैयार करना चाहिए, एनएमसी को रेजिडेंट डाक्टरों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए एक समिति बनानी चाहिए व भारत सरकार को मेडिकेयर पेशवरों और चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ हिंसा के खिलाफ होने वाली हिंसा के लिए जल्द से जल्द सख्त केंद्रीय कानून बनाना चाहिए शामिल हैं।
महिला स्टाफ कतरा रहीं नाइट ड्यूटी करने से
आइएमए के डाक्टरों ने बताया कि कोलकता में महिला डाक्टर के साथ हुई घटना के बाद महिला स्टाफ रात में ड्यूटी करने के लिए घबरा रही हैं। उनका कहना हैं कि उपचार के दौरान कई बार ऐसी परिस्थिति निर्मित हो जाती है कि मरीज के स्वजन उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं। कई बार मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं। हास्पिटल गार्डों की समझाइश के बाद भी उनके साथ अभद्र व्यवहार होता है। सुरक्षा की पर्याप्त सुविधा न होने की वजह से वह डर-डरकर नौकरी कर रही हैं।
151 नर्सिंग होम, हास्पिटल व पांच सौ से ज्यादा क्लीनिक होंगे प्रभावित
बिलासपुर जिले में बडे व छोटे 151 हास्पिटल व नर्सिंग होम संचालन है। वहीं 500 से अधिक निजी क्लीनिक हैं। शनिवार को होने वाली देशव्यापी हड़ताल होने की वजह से चिकित्सक अपनी सेवा नहीं देंगे। 24 घंटे होने वाली हड़ताल का काफी बड़ा प्रभाव पड़ने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।
रविवार सुबह छह बजे तक काम बंद
रेसिडेंट डाक्टर के साथ हुई बर्बरता की वजह से 24 घंटे की हड़ताल शनिवार सुबह छह बजे से शुरू होगी। यह रविवार सुबह छह बजे तक चलेगी। चिकित्सकों का कहना है कि हडताल के दौरान गंभीर अवस्था में आने वाले मरीजों का उपचार किया जाएगा। आपात कालीन ड्यूटी में रहने वाले डाक्टर काली पट्टी लगकर अपनी सेवाएं देंगे।