तीन दिन में उल्टी-दस्त और पेट दर्द से 20 लोग पीड़ित, कैंप लगाकर ग्रामीणों की जांच की

 तीन दिन में उल्टी-दस्त और पेट दर्द से 20 लोग पीड़ित, कैंप लगाकर ग्रामीणों की जांच की

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

बालोद,,बालोद जिले के ग्राम सिकोसा में डायरिया के मामले सामने आए हैं। तीन दिन में लगभग 20 लोगों को उल्टी-दस्त व पेट दर्द की शिकायत मिली है। इस गांव से लगातार उल्टी-दस्त के मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार रात व रविवार को दौरा किया। गांव में ही स्वास्थ्य कैम्प लगाकर ग्रामीणों की जांच की।

गांव में पहले से बेहत स्थिति
स्वास्थ्य विभाग की माने तो गांव में स्थिति पहले से बेहतर है। वहीं ग्रामीणों को भी सलाह दी गई है कि गर्म पानी पिएं, ज्यादा तले भुने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

पाइपलाइन फूटी, गंदे पानी सप्लाई से लोग पड़े बीमार
जब लोगों के बीमार होने का कारण जाना, तब पता चला कि कुछ दिनों से गांव की पाइपलाइन फूट गई है। पाइप फूटने से गंदा पानी नलों के माध्यम से घरों तक पहुंच रहा है। गंदे पानी के सेवन करने से ही लोग बीमार पड़े।
फूटी पाइपलाइन को बनाने के दिए निर्देश
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी एमके सूर्यवंशी ने बताया कि ग्रामीणों में पेट दर्द की शिकायत मिली रही है, वह गंदे पानी पीने की वजह से है। हमने ग्राम पंचायत सिकोसा के सरपंच को जल्द फूटी पाइपलाइन को बनाने के निर्देश दिए है।

गांव-गांव में बिछी पाइपलाइन फूटी तो तत्काल सुधारें
इन दिनों लगभग हर गांव में पाइपलाइन बिछाकर घर-घर नल कनेक्शन दिया गया है, जहां से घरों में पानी सप्लाई होती है। किसी गांव में पाइपलाइन फूटी है तो उसकी तत्काल मरम्मत करवा दें। लापरवाही बरती गई तो यह घातक हो सकता है। गंदे पानी के सेवन से लोग बीमार भी पड़ सकते है।

पौष्टिक और ताजा भोजन करें
उन्होंने कहा कि घर और आसपास साफ-सफाई रखें। भोजन निर्माण स्थल को स्वच्छ रखें। स्वच्छ पेयजल और भोजन का सेवन करें। पेयजल को उबालकर और छानकर पिएं। फास्ट फूड और पैक्ड फूड को खाने से बचें। घर में बना पौष्टिक और ताजा भोजन करें। फ्रीज से तुरंत निकालकर कुछ ना खाएं। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए जलभराव ना होने दें।

मौसमी समस्या होने पर डॉक्टर के पास जाएं
इन बातों को ध्यान में रखें तो मौसमी संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है। मौसमी समस्या होने पर घर के पास के शासकीय स्वास्थ्य केंद्र में जाएं। डॉक्टर से उचित परामर्श प्राप्त करें। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मौसमी रोगों से संबंधित प्राथमिक इलाज और दवा उपलब्ध है।