बारिश के मौसम में यदि काट लें सांप तो झाड़-फूंक में बर्बाद न करें समय, एक्‍सपर्ट की सलाह, तुरंत करें ये काम

 बारिश के मौसम में यदि काट लें सांप तो झाड़-फूंक में बर्बाद न करें समय, एक्‍सपर्ट की सलाह, तुरंत करें ये काम

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

रायपुर। बारिश के मौसम में सर्पदंश का खतरा बढ़ जाता है। प्रदेश में विगत सप्ताहभर में सर्पदंश से मौत के चार से पांच मामले सामने आ चुके हैं। सांप के काटने पर तत्काल अस्पताल पहुंचना चाहिए। कुछ लोग झाड़ फूंक के चक्कर में पड़कर समय बर्बाद कर देते हैं, जिससे स्थिति काफी गंभीर हो जाती है।

स्वास्थ्य विभाग ने सर्पदंश से मौत को रोकने को रोकने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में एंटीवेनम के अतिरक्त स्टाक रखने के निर्देश दिए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 30, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 100 तथा जिला अस्पतालों में 200 वैक्सीन रखने निर्देशित किया गया है।

बारिश के मौसम में बिलों में पानी भरने से सांप बाहर निकलकर विचरण करने लगते हैं और कई बार लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। सर्पदंश का मामला संवेदनशील होता है। जहरीले सांप के काटने के दौरान तत्काल वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होने पर जानलेवा बना जाता है।

सरगुजा और बस्तर संभाग में सर्पदंश के काफी मामले आते हैं। यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हमेशा 30, सामुदायिक स्वास्थ्य केद्रों में 100 और जिला स्तर पर 200 एंटी स्नैक वेनम का स्टाक रखा गया है।

आठ से दस वेनम की जरूरत

डाक्टरों का कहना है कि सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल पहुंचने पर आठ से दस वेनम की आवश्यकता पड़ जाती है। सांप काटने की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सकों की ओर से एंटी वेनम की संख्या का निर्धारण किया जाता है। इसे आइवी फ्लूड के माध्यम से इंजेक्ट कर मरीज के शरीर में पहुंचाया जाता है। इसलिए प्राथमिक स्तर पर भी कम से कम तीस एंटी स्नैन वेनम रखने की आवश्यकता होती है।

 

स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डा. डीके तुर्रे ने कहा, स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक वेनम और एंटी रैबीज वैक्सीन समेत अन्य दवाओं को रखने के निर्देश दिए गए हैं। सांप के काटने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में पहुंचना चाहिए। झाड़ फूंक में पड़कर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।