खट्टा खाने से नहीं होती कोई परेशानी, दो महीने तक चले शोध के बाद डॉक्टरों ने कही ये बात

 खट्टा खाने से नहीं होती कोई परेशानी, दो महीने तक चले शोध के बाद डॉक्टरों ने कही ये बात

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

2 से 3 माह तक चले इस शोध में इस बात को बताया गया कि लोगों को इस बात से डराया जाता है कि घाव होने के साथ ही अगर किसी का ऑपरेशन किया गया है तो ऐसे में अगर वह खट्टा खाता है तो उसे इंफेक्शन का खतरा है। जबकि ऐसा नही होता है।

 

 

 

 

जगदलपुर,,,,जगदलपुर मेडिकल कॉलेज डिमरापाल के डॉक्टरों ने एक बार फिर से शोध किया। 2 से 3 माह तक चले इस शोध में इस बात को बताया गया कि लोगों को इस बात से डराया जाता है कि घाव होने के साथ ही अगर किसी का ऑपरेशन किया गया है तो ऐसे में अगर वह खट्टा खाता है तो उसे इंफेक्शन का खतरा है। जबकि ऐसा नही होता है।

जानकारी देते हुए डॉक्टर प्रदीप पांडेय ने बताया कि बलिराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय जगदलपुर के डॉक्टरों के द्वारा सर्जरी वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों के ऊपर शोध किया गया। जिसमें मरीजों को दो भागों में बांटा गया, जहाँ एक भाग के मरीजों को खट्टा खाने के लिए दिया गया, जबकि दूर भाग के मरीजों को इनसे दूर रखा गया। इसके बाद से लगातार इन मरीजों को निगरानी में रखकर इनकी स्थिति को देखा जा रहा था, करीब कुछ हफ़्तों के बाद जब दोनों भाग के मरीजों को देखा गया तो दोनों में सामान्य लक्षण देखे गए, जिससे कि इस बात को कन्फर्म कर दिया गया कि अगर चोट लगने ,आपरेशन के बाद अगर उन्हें खाने में खट्टा दिया जाता है तो उनके घाव नही पकते हैं।

 

 

इसके अलावा मेकाज अधीक्षक डॉक्टर अनुरूप साहू ने बताया कि हमारे शहीद महेंद्र कर्मा चिकित्सालय में हुई एक शोध से यह निष्कर्ष सामने आया है की खट्टा खाने से ऑपरेशन या चोट लगे हुए घाव नहीं पकते हैं चिकित्सकों को तो यह पहले से अनुमान था कि खट्टे में विटामिन सी होता है इसके कारण इसका घाव पकने से कोई संबंध नहीं होता है। इस विषय में शोध करके इसे प्रमाणित करने की आवश्यकता थी, इसे हमारे चिकित्सा महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने शोध करके प्रमाणित कर दिया है कि खट्टा खाने से घाव पकने का डर नहीं रहता है।

आम जनता से अपेक्षा है कि वह इस तरह के अंधविश्वास में ना पड़े एवं सम्पूर्ण भोजन करें, ताकि बीमारियां जल्दी ठीक हो सकें, यह शोध कार्य डॉक्टर कमलेश ध्रुव, डॉ प्रदीप पांडे एवं आहार विशेषज्ञ दीक्षा बनर्जी के निर्देश में संपन्न किया गया, साथ ही अंकित वर्मा, अंशुल सिंह, अंजू चौहान, आराधना जायसवाल भी शामिल थे।