तेज गर्मी से पेट, सिर दर्द, लूज मोशन के केस ज्यादा, तीन महीने में 1,931 लोग हीट स्ट्रोक का शिकार
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
ज्यादा तापमान में रहने से लगातार शरीर का तापमान बढ़ता है, जिससे जी मिचलाने जैसी समस्याएं हो रही हैं। तेज गर्मी में ब्लड प्रेशर भी बढ़ रहा है।
सबसे ज्यादा मामले बलौदाबाजार में दर्ज हुए हैं।
छह जिले ऐसे हैं, जहां एक भी केस दर्ज नहीं हुए।
रायपुर जिले में हीट-स्ट्रोक के केवल तीन मामले दर्ज हुए हैं।
रायपुर। राजधानी में लू का प्रकोप जारी है। दिन के साथ-साथ रात में भी गर्म हवाएं चल रही है।गर्मी का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है। इससे लोगों की सेहत बिगड़ रही है। अस्पतालों में पेट दर्द, डिहाइड्रेशन, कमजोरी जैसे बीमारियों से पीड़ित मरीज ज्यादा पहुंच रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य के डेढ़ हजार से अधिक लोग गर्म हवा की वजह से बीमार होकर इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंचे हैं। सबसे ज्यादा मामले बलौदाबाजार में दर्ज हुए हैं। छह जिले ऐसे हैं, जहां एक भी केस दर्ज नहीं हुए। रायपुर जिले में हीट-स्ट्रोक के केवल तीन मामले दर्ज हुए हैं।
प्रदेश में तीन महीने में 1,931 लोग हीट स्ट्रोक के शिकार हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है, अभी गर्म हवाओं से बचना बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मार्च के महीने में मौसम में बदलाव। होने के बाद से गर्मी और बढ़ते तापमान की वजह से होने वाले हीट-स्ट्रोक की रोकथाम के लिए निगरानी की जाती है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार मार्च और अप्रैल के महीने में लू की वजह से बीमार होने वालों की संख्या 375 थी, जो मई के समाप्त होने से पहले 193 तक पहुंच गई है। आंकड़ों के अनुसार हीट स्ट्रोक के सबसे ज्यादा मामले बलौदाबाजार जिले में दर्ज किए गए, वहीं सुकमा, नारायणपुर, कोंडगांव, कबीरधाम, जशपुर, दुर्ग, बस्तर और बलरामपुर जिले से एक भी हीट- स्ट्रोक के केस की इंट्री नहीं की गई है।
रायपुर जिले में लू से संबंधित तीन मामले दर्ज किए गए हैं। चिकित्सक तेज धूप से बचने की सलाह दे रहे हैं। आंबेडकर अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि लू के मरीज कम आ रहे हैं, लेकिन पेट दर्द, बुखार, सिर दर्द, उल्टी-दस्त, लूजमोशन के मरीज लगातार आ रहे हैं। ज्यादा तापमान में रहने से लगातार शरीर का तापमान बढ़ता है, जिससे जी मिचलाने जैसी समस्याएं हो रही हैं। तेज गर्मी में ब्लड प्रेशर भी बढ़ रहा है।
गर्मी के कारण लोग डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं, इससे उनको चक्कर आना, जी मिचलाना और सिरदर्द की शिकायत हो रही है।सतर्कता से ही बीमारियों से बचा जा सकता है। जिला अस्पताल, निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। स्वास्थ्य को लेकर लोगों में जागरुकता भी बढ़ी है। गर्मी से बचने के लिए लोग पर्याप्त कोशिश भी कर रहे हैं।
घर से पानी पीकर निकलें, हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें
आंबेडकर अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डा. आरएल खरे ने कहा कि सतर्कता से ही गर्मी के प्रकोप से बचा जा सकता है। सुबह 11 से शाम चार बजे तक बाहर निकलने से बचें। बहुत जरूरी हो तो तभी निकलें। घर से निकलने के समय पानी जरूर पीएं। कपड़े भी हल्के रंग के ढीले पहने।
बाहर के खाने-पीने की वस्तुओं को इग्नोर करें। घर से निकलने के समय अपने साथ पानी लेकर चलें। जगह-जगह प्याऊ खुले हैं, लेकिन वहां का पानी दूषित हो सकता है। घर पहुंचने के बाद तुरंत पानी न पीएं। पांच से 10 मिनट रुकने के बाद पानी पीएं, इससे शरीर का तापमान अनुकूलित हो जाता है।