जागरूकता पर हर वर्ष लाखों रुपये खर्च, फिर भी बढ़ रही धूमपान की लत

 जागरूकता पर हर वर्ष लाखों रुपये खर्च, फिर भी बढ़ रही धूमपान की लत

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

युवा परिपक्व दिखने के लिए धूमपान करने लगे हैं, लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि इसके परिणाम जानलेवा हो सकते हैं।

 

 

रायपुर,, लोगों को धूमपान से दूर रखने के लिए अलग-अलग स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम हो रहे हैं। हर वर्ष जिले में रैलियां निकाली जाती हैं, बैनर लगाएं जाते हैं। इन पर लाखों रुपये खर्च होते हैं, फिर भी युवाओं में धूमपान की लत बढ़ती जा रही है। पान की दुकानों पर बच्चों को भी देखा जा रहा है। हर वर्ष नशे की ओर जाने वाले युवाओं की 20-25 प्रतिशत बढ़ोतरी हो रही है।

 

कैंसर अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। शासकीय कैंसर अस्पताल में वर्ष 2020 में 2412 मरीज इलाज के लिए पहुंचे थे। वर्ष 2023 में यह संख्या 3234 हो गई है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि युवा परिपक्व दिखने के लिए धूमपान करने लगे हैं, लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि इसके परिणाम जानलेवा हो सकते हैं। नशा मुक्ति केंद्र में भी बड़ी संख्या में युवा जा रहे हैं। मनोचिकित्सकों के पास भी बड़ी संख्या में युवा पहुंच रहे हैं। इनमें युवतियां भी शामिल हैं।

 

 

 

 

हर वर्ष बढ़ रहे कैंसर के मरीज

वर्ष मरीज पुरुष महिला

 

2020 2412 1356 1056

 

2021 2732 1470 1262

 

2022 3087 1699 1388

 

2023 3234 1702 1532

 

एक सिगरेट पीने से 11 मिनट होते हैं कम

विशेषज्ञों के मुताबिक एक सिगरेट पीने से जीवन के 11 मिनट कम हो जाते हैं। धूमपान करने वाला व्यक्ति स्वयं को तो नुकसान पहुंचाता ही है, आसपास के लोग भी इससे प्रभावित होते हैं। धूमपान करने से कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज, शरीर पर होने वाले घाव एवं अनेक हार्मोनल डिसआर्डर होने की आशंका रहती है। डा. अखलेश भार्गव ने बताया कि एक सर्वे में देखा गया है कि 53% लोगों ने इसे छोड़ना चाहा, लेकिन वे नाकाम रहे।

धूमपान से निकले केमिकल और निकोटिन नर्वस सिस्टम पर कार्य करते हैं। इसे लेने पर लोगों को कुछ समय के लिए बेहतर और तनाव रहित लगता है, लेकिन यह भ्रम है। आयुर्वेदिक दवाइयों के प्रयोग से धूमपान छोड़ने में मदद मिलती है।

फिल्म देख युवा करने लगे धूमपान

मनोचिकित्सक डा. अभय पालीवाल ने बताया कि फिल्मों में कलाकार को देखकर युवा भी धूमपान करने लगे हैं। उन्हें लगने लगा है कि वे कोई बड़ा काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें इसके दुष्परिणामों के बारे में जानकारी नहीं रहती है। हर वर्ष 20-25 प्रतिशत नए लोग नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। हमारे पास बड़ी संख्या में युवक-युवतियां आते हैं।

कैसे करें उपचार

 

– नशा छोड़ने के लिए रोगी की आत्मशक्ति प्रबल होनी चाहिए।

– धूमपान करने वालों का साथ छोड़ना चाहिए।

– नशा मुक्ति केंद्र की सहायता लें।

– योग, प्राणायाम द्वारा तनाव मुक्ति एवं शरीर में बल पाएं।