दुर्ग भिलाई के नेता ही बनते रहे सांसद, 1952 से अब तक का चुनावी इतिहास
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
1952 से 10 बार यहां सांसद चुने गए। इनमें से नौ ऐसे सांसद हैं जो दुर्ग-भिलाई में ही रहते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र साहू का दुर्ग के द्वारिकापुरी में निवास है।
दुर्ग,,,1952 में पहली बार दुर्ग लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। इसके बाद से लगातार हो रहे चुनाव में 10 बार यहां सांसद चुने गए। इनमें से नौ ऐसे सांसद हैं जो दुर्ग-भिलाई में ही रहते हैं। सिर्फ एक सांसद पुरुषोत्तम लाल कौशिक बिलासपुर के निवासी थे, लेकिन वे भी चुनाव जीतने के बाद दुर्ग में ही किराए पर रहने लगे थे। जब पहली बार चुनाव हुए तब दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से वासुदेव श्रीधर किरौलीकर कांग्रेस के प्रत्याशी थे और वह चुनाव जीते थे। वह मोतीपारा दुर्ग में रहते थे।
मोहनलाल बाकलीवाल से चंदूलाल चंद्राकर तक
इसी तरह से मोहनलाल बाकलीवाल 1957 और 1962 में हुए चुनाव में जीत हासिल की थी। वह भी दुर्ग गांधी चौक हटरी बाजार के निवासी थे। वीवाय तामस्कर 1967 में कांग्रेस से चुनाव जीते। वे गुरुद्वारा रोड अब स्टेशन रोड दुर्ग निवासी थे। इसके बाद 1971, 1980, 1984, 1991 में चंदूलाल चंद्राकर दुर्ग के कोलिहापुरी के निवासी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे।
1977 में मोहनलाल बाकलीवाल जनता पार्टी से चुनाव जीते थे। वह भी गांधी चौक दुर्ग हटरी बाजार निवासी थे। 1977 में मोहन जैन ने कांग्रेस से चुनाव जीता। वह दुर्ग निवासी थे। इसी तरह से पुरुषोत्तम लाल कौशिक 1989 में चुनाव जीते थे, हालांकि वे बिलासपुर के मूल निवासी थे, लेकिन चुनाव के दौरान और बाद में वह यही दुर्ग के निवासी बनकर रह गए। ताराचंद साहू 1998 से लगातार तीन बार सांसद रहे। वह दुर्ग के गुंडरदेही निवासी थे। सांसद बनने के बाद उन्होंने भिलाई के 32 बंगले को ही अपना स्थायी निवास बना लिया था।
सरोज पांडेय से अब तक
2009 में सरोज पांडेय भाजपा से चुनाव लड़ी थी। वह मैत्रीनगर रिसाली भिलाई की निवासी थीं। 2014 में ताम्रध्वज साहू कांग्रेस से चुनाव लड़कर सांसद बने थे। वह दुर्ग मीनाक्षी नगर दुर्ग के निवासी थे। इसी तरह से वर्तमान सांसद विजय बघेल का मूल निवास दुर्ग जिले के उरला में है, लेकिन वह भिलाई सेक्टर- 5 को अपना स्थायी निवास बना चुके हैं। कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र साहू का दुर्ग के द्वारिकापुरी में निवास है।