28 से बिलासापर टू दिल्ली-कोलकाता की सीधी उड़ान

 28 से बिलासापर टू  दिल्ली-कोलकाता की सीधी उड़ान

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

 

 

राज्य सरकार व अलायन्स एयर के बीच अनुबंध

एमओयू पर शासन और विमानन कम्पनी ने किया हस्ताक्षर

बिलासपुर से दिल्ली व कोलकाता के लिए सीधी विमान सेवा संचालन की अनुमति

 

 

बिलासपुर। अंचलवासियों के लिए अच्छी खबर हो सकती है। केंद्र सरकार ने बिलासपुर से दिल्ली व कोलकाता के लिए सीधी विमान सेवा संचालन की अनुमति दे दी है। शनिवार को राज्य शासन और अलांयस एयर के अधिकारियों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। अनुबंध को केंद्र सरकार की अनुमति मिल गई है। 28 मार्च से बिलासपुर से दिल्ली व कोलकाता के बीच सीधी विमान सेवा शुरू होगी।

12 मार्च को मुख्यमंत्री विष्णुदेव से ने रायपुर से वर्चुअल शुभारंभ किया था। बिलासपुर से दिल्ली व बिलासपुर से कोलकाता के बीच सीधी विमान सेवा का जिम्मा अलायन्स एयर कम्पनी को दी गई है। बिलासा एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी अब महानगरों के लिए होने लगी है। विमानतल के उन्नयन के साथ ही हवाई सुविधा में विस्तार होने लगा है। प्रथम चरण में बिलासपुर से देश की राजधानी दिल्ली और कोलकाता के लिए सीधी विमान सेवा प्रारम्भ करने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले विमानन मंत्रालय ने इसकी घोषणा कर दी है। समर शेड्यूल्ड में विमान के आवाजाही का समय तय किया जाएगा।

 

 

राज्य शासन और विमानन कंपनी के बीच अनुबंध को लेकर हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने स्वागत किया है। बता दें कि बिलासपुर से देश के प्रमुख महानगरों के लिए विमान सेवा, विमानतल का उन्नयन व सेना से जमीन वापसी को लेकर हवाई सेवा संघर्ष समिति लगातार दबाव बना रही है।

 

हाई कोर्ट की ठोस पहल

 

हवाई सुविधा की मांग को लेकर अधिवक्ता संदीप दुबे व कमल दुबे ने जनहित याचिका दायर की है। दोनों याचिकाओं पर हाई कोर्ट में एकसाथ सुनवाई हो रही है। कोर्ट की सख्ती के चलते ही सेना ने 256 एकड़ जमीन के स्थाई हस्तांतरण की अनुमति दे दी है। इससे रनवे विस्तार के साथ ही नाइट लैंडिंग के काम मे गति आएगी।

 

 

 

अनुबंध की प्रमुख शर्त

 

राज्य शासन और विमानन कम्पनी के बीच अनुबंध की। प्रमुख शर्त यही कि बिलासपुर से दिल्ली व बिलासपुर से कोलकाता के बीच विमान सेवा के दौरान निर्धारित टिकट दर लेने के बाद भी अगर विमानन कम्पनी को घाटा होगा तब ऐसी स्थिति में अंतर की राशि का भुगतान विमानन कम्पनी को राज्य शासन करेगा।