बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से बुजुर्ग महिला की मौत, अपोलो में चल रहा था इलाज
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
65 वर्षीय बुजुर्ग महिला की पिछले सप्ताह तबीयत खराब हो गई थी और उसकी सर्दी-खांसी की समस्या बढ़ती ही जा रही थी।
स्वाइन फ्लू से मौत को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम को अलर्ट किया गया है।
टीम अब उनके परिवार व उसके संपर्क में आने वालों की सैंपल लेने का काम करेगी।
बिलासपुर. सेंदरी के रिवर व्यू कालोनी में रहने वाली एक 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है। इससे स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। महिला का अपोलो हास्पिटल में इलाज चल रहा था, जिसकी मंगलवार की सुबह मौत हुई है।
सीएमएचओ डा. अनिल श्रीवास्तव ने जानकारी दी है कि 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला की पिछले सप्ताह तबीयत खराब हो गई थी और उसकी सर्दी-खांसी की समस्या बढ़ती ही जा रही थी। ऐसे में उसे आठ फरवरी को स्वजन ने अपोलो हास्पिटल में भर्ती कराया। लगातार उपचार के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। ऐसे में 11 फरवरी को स्वाइन फ्लू से संक्रमित होने की आशंका को लेकर उसका स्वाइन फ्लू टेस्ट कराया गया। इसमें उनके स्वाइन फ्लू पाजिटिव होने की पुष्टि की गई।
इसके बाद उनके इलाज की पद्धति बदली गई, लेकिन उसका भी कुछ फायदा नहीं मिला और 13 फरवरी की सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं अब स्वाइन फ्लू से मौत को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम को अलर्ट किया गया है। टीम अब उनके परिवार व उसके संपर्क में आने वालों की सैंपल लेने का काम करेगी। यदि कोई और भी स्वाइन फ्लू संक्रमित मिलता है तो उसके उपचार की व्यवस्था कर नियंत्रण कार्य तेज किया जाएगा।
एक कोरोना संक्रमित भी मिला
मंगलवार को शहरी क्षेत्र में एक और कोरोना संक्रमित मिला है। होम आइसोलेशन में रखकर उसका उपचार किया जा रहा है। बीते एक जनवरी से अब तक की स्थिति में जिले में कोरोना के 24 मरीज मिल चुके हैं। मौजूदा स्थिति में कोरोना के तीन मरीज सक्रिय हैं। उनका उपचार चल रहा है। कोरोना वायरस को भी लेकर स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी है।
ऐसे फैलता है स्वाइन फ्लू
जब आप खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर थूंक या मुंह और नाक से निकले द्रव कण गिरते हैं, वह वायरस की चपेट में आ जाते हैं। यह कण हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं। मसलन, दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकता है। अगर इन चीजों का इस्तेमाल किसी संक्रमित व्यक्ति ने किया हो।
कब तक रहता है वायरस
एच1एन1 वायरस स्टील, प्लास्टिक में 24 से 48 घंटे, कपड़े और पेपर में आठ से 12 घंटे, टिश्यू पेपर में 15 मिनट और हाथों में 30 मिनट तक एक्टिव रहते हैं। इन्हें खत्म करने के लिए डिटर्जेंट, एल्कोहल, ब्लीच या साबुन का उपयोग कर सकते हैं। किसी भी मरीज में बीमारी के लक्षण इन्फेक्शन के बाद एक से सात दिन में डेवलप हो सकते हैं। लक्षण दिखने के 24 घंटे पहले और आठ दिन बाद तक किसी और में वायरस के ट्रांसमिशन का खतरा रहता है।