कॉल सेंटर की आड़ में देशभर में करोड़ों की ठगी, रायपुर पुलिस ने नोएडा में मारा छापा, 14 ठगों को किया गिरफ्तार
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
अंतरराज्यीय गिरोह का रायपुर पुलिस ने किया राजफाश।
बिजली विभाग के डिप्टी जनरल मैनेजर से ठग चुके हैं 70 लाख।
पुलिस को मिली थी नोएडा में काल सेंटर संचालित होने की
जानकारी
रायपुर। इंश्योरेंस पालिसी वेरीफिकेशन और ज्यादा क्लेम दिलाने के नाम से देशभर में ठगी करने वाला अंतरराज्यीय गिरोह रायपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा है। पुलिस की 10 सदस्यीय टीम ने दिल्ली और नोएडा में एक हफ्ते तक कैंप कर गिरोह के बी-41, सेक्टर 63, नोएडा स्थित एमडी वेल्थ क्रेटर काल सेंटर की रेकी की। जब फुल प्रूफ हो गया कि यह शातिर ठगों का गिरोह है, तब छापेमारी की। मौके से गिरोह के मास्टर माइंड गाजियाबाद के मनजेश कुमार चौहान समेत 14 आरोपितों को दबोच लिया। उनके कब्जे से 57 नग की पेड मोबाइल, एक वायरलेस फोन, एक लैपटाप, विभिन्न बीमा कंपनियों से संबंधित 1,000 से अधिक पन्नों का दस्तावेज, 50 से अधिक फर्जी सिम कार्ड जब्त किया। सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर शनिवार को रायपुर लाया गया।
रायपुर एसपी संतोष सिंह ने शनिवार देर शाम पुलिस कंट्रोल रूम में पत्रकारों के समक्ष गिरोह का राजफाश किया। उन्होंने बताया कि गिरोह के लोग संजय नगर, टिकरापारा निवासी बिजली विभाग से डिप्टी जनरल मैनेजर के पद से सेवानिवृत हुई महिला को वर्ष 2016 से अब तक लगातार उसके पुराना बीमा पालिसी के आधार पर नई बीमा पालिसी दिलाने, सेवानिवृत्ति के समय सभी पालिसी का पैसा एक साथ मिलने से अच्छा फायदा होने का झांसा देकर 70 लाख रुपये ठग चुके थे। ठगों ने पांच बैंक खाते में महिला से पैसे जमा करवाया था। बीमा पालिसी के भुगतान का समय होने पर महिला ने जब राम किशन वर्मा, पुनीत जोशी नाम के ठगों से संपर्क किया तो उनका मोबाइल स्वीच आफ हो चुका था। इसके बाद उन्हे ठगी का अहसास हुआ। शिकायत पर पुलिस ने पिछले दिनों धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू की।
मकान, नौकरी की तलाश में रेकी, फिर दबिश
गिरोह के नोएडा में काल सेंटर संचालित होने की जानकारी मिलने पर पुलिस की दस सदस्यीय टीम ने एक हफ्ते तक नोएडा, दिल्ली में कैंप कर कभी नौकरी तो कभी किराए के मकान की तलाश के बहाने काल सेंटर की रेकी फिर मौका पाकर दबिश दी।
41 लोगों को नोटिस
काल सेंटर में कार्यरत 25 महिला समेत कुल 41 लोगों को ठगी में संलिप्त होने के कारण पुलिस ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है। ठगी में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। आरोपितों ने बीमा पालिसी के नाम पर गिरोह संचालित करते हुए रायपुर, दुर्ग, धमतरी समेत असम, हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों में सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये ठगना स्वीकार किया है।
पहले भी पकड़े गए हैं चार ठग
पकड़े गए ठगों में चार ठग दुर्ग, दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आकर जेल जा चुके हैं। मास्टर माइंड मनजेश कुमार चौहान को वर्ष 2019 में दुर्ग पुलिस ने 65 लाख रुपये ठगी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जबकि रवि चौहान, ऋषभ चौहान को दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
छह महीने में बदल लेते है ठिकाना
ठग इतने शातिर हैं कि पकड़े जाने के बाद अपने ठिकाने बदल लेते हैं। एसपी ने दावा किया है कि छह महीने में ये काल सेंटर का सेटअप समेत स्थान बदल लेते थे। इस गिरोह ने असम निवासी ललित शर्मा से 25 लाख और रोहतक, हरियाणा के एक कारोबारी से 40 लाख रुपये ठगे हैं। गिरोह के बैंक खाते में करोड़ों के लेन-देन के हिसाब-किताब मिले हैं। खाते में जमा रकम को होल्ड़ कराने संबंधित बैंकों को पत्र लिखा जा रहा है।
ये पकड़े गए
उप्र के गाजियाबाद जिले के प्रताप विहार, विजय नगर निवासी मनजेश कुमार चौहान (36), बुलंदशहर जिले के कस्बा श्याना के रवि चौहान (30), गाजीपुर, दिल्ली के मनोज कुमार शर्मा (37), पंजाब के बहादुरगढ़ हापुड के दिव्या कुमार (24), ऋषभ चौहान(24), अशोकनगर, दिल्ली के नीतिश कुमार(29), आगरा जिले के बसई अलेरा के नीरज सिंह (32), गौतमबुद्धनगर जिले के बिसरख के तारक विश्वास (30), मेरठ, सरदाना के विनीत कुमार(29), बुलंदशहर जिले के जहांगीरपुर के मोनू सिंह (26), शास्त्री पार्क दिल्ली के नजीम मंसूरी (28), कासगंज जिले के रंजीत कुमार (25), खुर्शीपार, दुर्ग के मोहनीश बावनकर(37) और बंडा शांहजहापुर, उप्र के अरुण सिंह(28) शामिल हैं।