राजनांदगांव में 140 नई सहकारी समितियों का गठन, किसानों को खाद-बीज लेने में होगी आसानी

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
राजनांदगांव।राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रयासों से पुरानी सोसाइटियों का भार कम होगा, जिससे किसानों को लम्बी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. उदाहरण के तौर पर, पहले सोमनी गांव में 19 ग्राम पंचायतें थीं, लेकिन अब पुनर्गठन के बाद अंजोरा, मनकी और सोमनी गांव को अलग-अलग समितियों में बांटा जा रहा है.
केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकार हर गांव में सहकारी समिति (सोसायटी) स्थापित करने की प्रक्रिया में तेजी ला रही है. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव के अंतर्गत 222 सोसाइटियों का पुनर्गठन करते हुए 140 नई सोसाइटियों का गठन किया जा रहा है. इस कदम से किसानों को खाद-बीज खरीदने में आसानी होगी और धान बेचने में भी सुविधा मिलेगी.
राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रयासों से पुरानी सोसाइटियों का भार कम होगा, जिससे किसानों को लम्बी लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. उदाहरण के तौर पर, पहले सोमनी गांव में 19 ग्राम पंचायतें थीं, लेकिन अब पुनर्गठन के बाद अंजोरा, मनकी और सोमनी गांव को अलग-अलग समितियों में बांटा जा रहा है. इससे 5-6 गांवों की एक समिति बनेगी, जिससे किसानों को खाद-बीज लेने में आसानी होगी और उन्हें लंबी कतारों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
किसानों को होगा लाभकिसान देव कुमार साहू ने बताया कि नई समितियों के खुलने से उन्हें काफी लाभ होगा, क्योंकि कई गांवों में दूर-दूर स्थित समितियों तक पहुंचने में कठिनाई होती थी. अब नई समितियों के गांव के नजदीक या गांव में ही होने से किसानों को सुविधा होगी.
140 सोसाइटियों का गठनजिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव के अध्यक्ष सचिन बघेल ने बताया कि 140 नई सहकारी समितियों के गठन की सूचना जारी कर दी गई है. राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का कार्यक्षेत्र चार जिलों में फैला हुआ है और इन्हीं जिलों के लिए 140 सोसाइटियों के गठन का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है.
समितियों की सुविधा मिल सकेगीसोसाइटी समितियों के माध्यम से किसानों को खाद-बीज उपलब्ध कराया जाता है और धान खरीदी के समय समर्थन मूल्य पर इन समितियों से धान की खरीदी की जाती है. 140 नई सोसाइटियों के खुलने से किसानों को उनके गांव के आसपास ही समितियों की सुविधा मिल सकेगी, जिससे उनकी कठिनाइयां कम होंगी और उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होगा.