राजनांदगांव के 40 फीसदी गांवों में पेयजल संकट, ग्रामीण परेशान, बोलें- अभी तो बाकी है पूरी गर्म बाकी

 राजनांदगांव के 40 फीसदी गांवों में पेयजल संकट, ग्रामीण परेशान, बोलें- अभी तो बाकी है पूरी गर्म बाकी

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार

 

राजनांदगांव के 40 फीसदी गांवों में पेयजल संकट, ग्रामीण परेशान, बोलें- अभी तो बाकी है पूरी गर्म बाकी

राजनांदगांव। जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य हर घर तक पाइप से जल पहुंचाना है. जिले में इस योजना के तहत 600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जा रही है, लेकिन राजनांदगांव जिले में यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण योजना केवल कागजों में ही सीमित रह गई है, जिससे आम जनता को पीने के पानी की बुनियादी सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है.

 

 

राजनांदगांव जिले के कई गांव जल संकट से जूझ रहे हैं. ग्राम धर्मापुर में कई हैंडपंप सूख चुके हैं और जल जीवन मिशन का काम अधूरा पड़ा है. राजनांदगांव में जल संकट की स्थिति गंभीर हो चुकी है, जबकि जल जीवन मिशन की स्थिति भी चिंताजनक है. टंकियों का निर्माण वर्षों पहले पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अब भी जिले के 40 फीसदी से ज्यादा गांवों में पेयजल संकट बना हुआ है. ग्रामीणों के घरों के बाहर नल लगाए गए हैं, लेकिन उनमें पानी की आपूर्ति अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. स्थानीय निवासी पानी की सुविधा का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, जिससे उनमें गहरा आक्रोश है.

 

 

जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य हर घर तक पाइप से जल पहुंचाना है. जिले में इस योजना के तहत 600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जा रही है, लेकिन राजनांदगांव जिले में यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण योजना केवल कागजों में ही सीमित रह गई है, जिससे आम जनता को पीने के पानी की बुनियादी सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है. ग्रामीणों को हैंडपंप और बोरवेल्स पर निर्भर रहना पड़ रहा है. पीएचई विभाग के अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. निर्माण कार्य के लिए लगाए गए बोर्ड में किसी भी तरह की जानकारी अंकित नहीं की गई है.

 

 

जल आपूर्ति नहीं हो पातीधर्मापुर के निवासी राजेश विश्वकर्मा और तोरण साहू ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत पीएचई विभाग ने टंकी तो बना दी है, लेकिन निर्माण कार्य अधूरा है. साल भर बीतने के बाद भी उन्हें पानी नहीं मिल रहा है. गर्मियों में पानी की सुविधा के लिए टंकी बनाई गई है, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है. गांव में 12 हैंडपंप हैं, जिनसे पानी लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कभी किसी हैंडपंप से दो बाल्टी पानी निकालने के बाद आधे घंटे तक दूसरे हैंडपंप से ही पानी मिल पाता है. सरपंच के द्वारा टैंकर भी मंगाया जाता है, लेकिन उससे भी जल आपूर्ति नहीं हो पाती है.

 

 

राजनांदगांव में पेयजल संकटग्रामीण अंचल में पानी की समस्या को दूर करने के लिए शासन द्वारा कई योजनाएं लागू की गई हैं, लेकिन अफसरों की लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी के कारण ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार के चलते पेयजल संकट राजनांदगांव जिले में गहराता जा रहा है.