मोहला : कन्या मुख्यमंत्री विवाह योजना से गरीब परिवारों की उम्मीदों को मिला सहारा

 मोहला : कन्या मुख्यमंत्री विवाह योजना से गरीब परिवारों की उम्मीदों को मिला सहारा

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार

 

 

मोहला। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को होने वाली आर्थिक असमानता को दूर करना है, विवाह के आयोजन में सामूहिक विवाह समारोह से सामाजिक स्थिति में सुधार लाना है। गत दिवस के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ स्टेशन जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 148 संयुक्त विवाह बंधन में बंधने वाले। शासन की ओर से प्रत्येक जोड़े को कन्या के नाम से 35 हजार भालू की राशि के बैंक में अकाउंट दिया गया। उपहारों के रूप में बैग, श्रृंगार सामग्री, कपड़े जैसे वर-वधु को दिया गया और जोड़ों को विवाह प्रमाण पत्र दिया गया।

इनमें से मोहला की रहने वाली रीमा ने बताया कि उनकी शादी मुख्यमंत्री ग्राम कन्या विवाह योजना के तहत 15 जनवरी 2025 को हुई थी। उन्होंने बताया कि मैं अभी अपने पति के साथ बेहद खुश हूं। गरीबी के कारण परिवार वालों के लिए विवाह प्रस्ताव बहुत बड़ी चुनौती थी, इस योजना में यह चुनौती आसानी से हल हो गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने हितग्राहियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस योजना ने हमारे माता-पिता के आर्थिक बोझ को कम कर विवाह से विवाह करना संभव बना दिया है।

 

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं के लिए कई योजनाएं जारी की जा रही हैं। महतारी वंदन योजना, महतारी जतन योजना, इनसे और एक योजना है, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना। इस योजना के तहत सरकार द्वारा उन लोगों को सहायता प्रदान की जाती है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। ऐसे परिवार की बेटी को इस योजना का लाभ मिलता है। इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवार की बेटी के विवाह के लिए सरकारी सहायता राशि प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अस्थिर, आर्थिक स्तर वाले परिवार की बेटी के हाथ पीले कर माता-पिता के आर्थिक बोझ को कम कर रही है, घर में बेटियां होती हैं, उनके माता-पिता को बेटी की शादी उचित उम्र होती है ही चिंता सताने लगती है है. हर मां-बाप का सपना होता है कि उनकी बेटी की शादी धूमधाम से हो, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से हजारों परिवारों के माता-पिता का आर्थिक बोझ कम हो गया है और उनकी चिंता दूर हो रही है।