राजनांदगांव जिले में धान खरीदी केंद्रों में धान उठाव धीमी गति से हो रहा है.जिसके कारण समितियों में जाम की स्थिति है.
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने दी हड़ताल की चेतावनी
राजनांदगांव : राजनांदगांव जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी का कार्य जारी है.लेकिन परिवहन की गति धीमी होने के कारण उठाव नहीं होने से कई धान खरीदी केन्द्रों में जाम की स्थिति बनी हुई है. धान उठाव परिवहन नहीं होने से किसानों और समिति प्रबंधकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.राजनांदगांव जिले में लगभग 28 लाख क्विंटल धान समितियां में रखा हुआ है.96 धान खरीदी केंद्रों में जाम की स्थिति :छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी जा रही है. जिले के 96 धान खरीदी केन्द्रों में लगातार समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी प्रशासन कर रही है. इस बार जिले में 96 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. लेकिन सभी खरीदी केन्द्रों में जाम की स्थिति है. कस्टम मिलिंग की गति धीमी होने के कारण किसानों और समिति प्रबंधकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने दी हड़ताल की चेतावनी धान खरीदी केंद्रों में बढ़ रही परेशानी : इस बारे में जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष किशुन लाल देवांगन ने बताया कि परिवहन की गति बहुत धीमी है.धान खरीदी केंद्र गठुला में अब तक 51 हजार क्विंटल धान खरीदी जा चुकी है. इसमें से 42 हजार क्विंटल अभी भी जाम है. परिवहन का अभाव है.शासन प्रशासन से निवेदन है कि परिवहन सुचारू रूप से हो ताकि धान खरीदी केंद्रों में परेशानी ना बढ़े और राजनांदगांव जिले के 96 धान उपार्जन केंद्र हैं वो सुचारू रूप से चल सके.
सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने दी हड़ताल की चेतावनी
जिले के लगभग सभी जगह 5 से 6 गुना धान जाम की स्थिति है. सुनने में आया है कि मिलर्स ने अपनी हड़ताल वापस ले ली हैं. फिर भी धान खरीदी केंद्रों में उठाव की गति धीमी है. हमने प्रशासन को 18 दिसंबर तक का समय दिया है. यदि इस तारीख तक परिवहन तिगुनी गति से होता है तो स्थिति सामान्य हो जाएगा.नहीं तो बुधवार शाम तक हम सभी विचार करेंगे और 19 तारीख से हड़ताल करना पड़ेगा -किशुन लाल देवांगन,जिलाध्यक्ष, जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ
राजनांदगांव जिले में लगभग 31 लाख 13 हजार 622 क्विंटल धान की खरीदी की गई है.जिसमें से 2 लाख 54 हजार 860 क्विंटल धान का परिवहन किया गया है,बाकी धान का परिवहन नहीं होने के कारण समितियां में धान जाम की स्थिति में है. धान उठाव नहीं होने से रोजाना आने वाले धान को रखने के लिए समितियों के पास जगह नहीं बची है.लिहाजा अब किसानों को टोकन भी नहीं दिया जा रहा है.