मनिहारी दुकान में काम करने वाला बन गया सौ करोड़ की कंपनी का मालिक

 मनिहारी दुकान में काम करने वाला बन गया सौ करोड़ की कंपनी का मालिक

राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी

110 करोड़ का फर्जीवाड़ा

12 वीं पास अखिलेश ने अकेले ही की थी शुरूआत

छह और आरोपित किए गए नामजद

 

कोरबा : देखते ही देखते दुकान में सेल्समैन का काम करने वाला अखिलेश सिंह 100 करोड़ से अधिक के टर्न ओवहर वाले कंपनी का मालिक बन गया। कल तक 12 वीं पास अखिलेश के इस कामयाबी की चर्चा रही और अब ठगी के मामले में गिरफ्तारी के बाद ठगी की परतें खुलते जा रहे। पुलिस ने अखिलेश के अलावा छह ओर लोगों को नामजद आरोपित बनाया है। धोखाधडी की इस मामले में अभी ओर कई लोगों के नाम जुडेंगे।

 

 

इमलीडुग्गू निवासी फ्लोरा मैक्स कंपनी के डायरेक्टर अखिलेश सिंह 38 वर्ष केवल 12 वीं पास हैं और तीन साल पहले एक मनिहारी की दुकान में सेल्समैन के रूप में काम करता था। इसके बदले उसे महज 10 हजार रूपये वेतन मिलता था। कोरोना काल में नौकरी चली गई और वह बेरोजगार हो गया। इस दौरान उसने यू ट्यूब चैनल में फ्लोरा मैक्स तैयार किया और खुद मैदानी स्तर पर काम करते हुए गांव-गांव घूम कर महिलाओं को आजीविका से जोड़ने की मुहिम चलाई। वर्ष 2000 में पहली बार उसने उरगा व सेमीपाली गांव में 10-10 महिलाओं का दो समूह तैयार किया और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भरोसा दिला कर 30-30 हजार रूपये का लोन दिलाया। इस राशि फ्लोरा मैक्स कंपनी में निवेश किया। महिलाओं को लाभांश भी मिलने लगा। देखा- देखी उस क्षेत्र की महिलाएं फ्लोरा से जुड़ने लगी। एक साल के अंदर ही अखिलेश ने शहर के सिटी माल में 20 से 25 दुकानों को एक साथ किराए पर ले लिया और मार्ट की तर्ज पर कारोबार शुरू कर दिया।

 

कंपनी में निवेश करने वाली महिलाओं को यहां से कपड़े, खाद्य व सौंदर्य सामाग्री उपलब्ध कराया जाता था। कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराए गए सामाग्री बेचने के एवज में महिलाओं को एक निश्चित राशि दी जाती थी। कंपनी की प्रसिद्धि बढ़ती गई और 37 हजार महिलाओं ने 110 करोड़ रूपये का निवेश किया। अचानक महिलाओं को निश्चित दिया जाने वाला राशि बंद हो गया और मामला पुलिस तक पहुंच गया।गिरफ्तार किए गए अखिलेश के बाद छह आरोपित अखिलेश के भाई राजू सिंह, भाभी गुडिया के साथ कंपनी को लीड करने वाली संतोषी साहू, तनिषा बघेल व बलराम ठाकुर को भी नामजद आरोपित पुलिस ने बना लिया है। पुलिस का कहना है कि इन आरोपितों की भी पतासाजी की जा रही है।

 

टाप टेन लीडर पर भी लटक रही गिरफ्तारी की तलवार

 

 

कंपनी में ऐसे तो शीर्ष स्तर पर 60 से अधिक लोग सक्रिय थे, पर इसमें 10 टाप लीडर थे। जिनके बैंक खाता का उपयोग कंपनी की लेनदेन के लिए किया जा रहा था। ये लोग राशि संकलन करने वाले तीसरे चरण के लोगों से लेनदेन किया करते थे। इनमें छह लोगों के खिलाफ पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया है, पर चार ओर हैं, जिनकी जांच की जा रही है। पुलिस ने जिन छह लोगों को नामजद आरोपित बनाया है, उनके अलावा चार ओर आरोपित हैं। नामजद किए गए आरोपितों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

 

महतारी वंदन से बढ़ी रफ्तार

 

फ्लोरा मैक्स कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीकठाक चल रही थी। वर्ष 2024 में महतारी वंदन से महिलाओं को एक- एक हजार मिलने लगा। इसके बाद महिलाएं और ज्यादा इस कंपनी से जुड़ने लगी। नेटवर्क कोरबा जिले से बाहर निकल कर आसपास के पांच जिलों में फैल गया। जिन महिलाओं के पास जमा राशि थी, उसे कंपनी के हवाले कर दिया और जिनके पास नहीं थी, वो लोन लेकर कर्जदार हो गई। कुछ ऐसे भी महिलाएं हैं, जिन्होंने शुरूआती दौर पर लाभ कमाया। लोन भी पूरी तरह चुकता हो गया और दोबारा अधिक राशि निवेश कर जुड़ गई।

ऐसे पहुंचा फर्श से अर्श तक

 

– गिरफ्तार किया गया कंपनी का डायरेक्टर अखिलेश महज 10 हजार के वेतन में सेल्समैन का करता था काम।

 

– नौकरी छूटने के बाद अकेले ही कंपनी बना कर शुरू किया था प्रचार- प्रसार।

 

– तीन साल के अंदर बन गया सौ करोड़ टर्नओवहर वाले कंपनी का मालिक।

 

– अपने भाई, भाभी समेत घर परिवार के तमाम रिश्तेदारों को भी जोड़ लिया था कंपनी में।

 

– तीन चरण में तैयार किया था नेटवर्क, इंटरनेट मीडिया का भी कर रहे थे उपयोग

 

– पांच जिलों की 37 हजार महिलाएं निजी फाइनेंस कंपनी व बैंकों की हुई कर्जदार