पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों के आत्मसमर्पण के साक्षी विंग कमांडर एमबी ओझा का निधन, रायपुर में होगा अंतिम संस्कार
राज्य ब्यूरो मोहम्मद आसिफ खान संपादक बीरेंद्र कुमार चौधरी
विंग कमांडर एमबी ओझा 1962, 1965, 1971 के युद्ध में शामिल थे।
89 वर्ष की आयु में रविवार को रायपुर में उनका निधन हो गया।
सीएम विष्णु देव साय ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
रायपुर(Wing Commander MB Ojha)। 1971 के युद्ध में भारत के सामने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों के हथियार डालने के दौरान साक्षी रहे विंग कमांडर एमबी ओझा (सेवानिवृत्त) का रविवार को निधन हो गया। उन्होंने 89 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 11.30 बजे महादेव घाट में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। विंग कमांडर एमबी ओझा (सेवानिवृत्ति) 1962, 1965, 1971 के युद्ध में शामिल थे तथा भारतीय शांति सेवा के मिशनों में भी शामिल थे। वे भारतीय वायुसेना में सन 1956 में कमीशन हुए थे।
पाकिस्तानी सेना के 93,000 सैनिकों ने जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष हथियार डाले थे, उस अवसर पर विंग कमांडर एम बी ओझा उपस्थित थे तथा वे उस समर्पण के प्रत्यक्ष गवाह थे।
इसलिए पाक के सैनिकों ने डाले थे हथियार
भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान के बीच आपसी तालमेल नहीं था। पूर्वी पाकिस्तान के लोगों लगता था कि उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है। इसे लेकर विवाद होता था। पाकिस्तान इसे हल करने का दिखावा करते हुए वहां के लोगों के साथ अत्याचार करता था।
इसे लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद बढ़ गया। जिसके बाद भारत ने तेज कार्रवाई की थी। 16 दिसंबर 1971 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने घोषणा की थी कि अब ढाका नए देश की राजधानी है। दरअसल, पाक से अलग होकर एक नया देश बना था बांग्लादेश।